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नए साल में जेपीसीसी में दिख सकता है बदलाव, दिसंबर के अंत में मंत्री और पदाधिकारियों के कार्यों की होगी समीक्षा

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में खरमास के बाद बदलाव दिखने की उम्मीद है. लगातार पार्टी विधायक और कार्यकर्ताओं की ओर से एक व्यक्ति एक पद के मामले को भी उठाया जाता रहा है. इसको लेकर आलाकमान को भी शिकायत की जा चुकी है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस की बागडोर किसी और के हाथ में भी जा सकती है.
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नए साल में बदलाव देखने को मिल सकता है. इसकी सुगबुगाहट भी तेज हो गई है और पीसीसी के गठन की भी उम्मीद जताई जा रही है. विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो मंत्री पद में भी बदला हो सकते हैं. इसको लेकर आलाकमान झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री, विधयक और पदाधिकारियों के एक साल के कार्यों की समीक्षा भी कर रही है, साथ ही दिसंबर महीने के अंत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने सभी मंत्री और पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक भी आहूत की है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में खरमास के बाद बदलाव दिखने की उम्मीद है. लगातार पार्टी विधायक और कार्यकर्ताओं की ओर से एक व्यक्ति एक पद के मामले को भी उठाया जाता रहा है. इसको लेकर आलाकमान को भी शिकायत की जा चुकी है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस की बागडोर किसी और के हाथ में भी जा सकती है. हालांकि केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय पर सब कुछ निर्भर करता है, साथ ही कांग्रेस कोटे के मंत्री समेत विधायक, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के कार्यो की भी समीक्षा की जानी है. ऐसे में जिन वादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आई है. उन वादों को धरातल पर उतारने के लिए क्या कुछ किए जा रहे हैं. इस पर भी आलाकमान की नजर है. इस आधार पर भी आलाकमान अहम निर्णय ले सकता है. चर्चा यहां तक है कि कांग्रेस कोटे के मंत्री के बदलाव का भी आलाकमान निर्णय ले सकती है.
हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोर शाहदेव ने शनिवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कहा है कि फिलहाल केंद्रीय नेतृत्व की ओर से मंत्री पद के बदलाव को लेकर कोई समीक्षा नहीं की जा रही है और नहीं ही पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हो रही है. उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि समय-समय पर आलाकमान संगठन कार्यों की समीक्षा करती है, ताकि संगठन को गति दिया जा सके. उन्होंने बताया कि दिसंबर महीने के अंत में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से मंत्री और पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और आलाकमान को अवगत कराई जाएगी. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव के मामले पर कहा कि परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है, ताकि संगठन में नए लोगों को काम करने का अवसर मिल सके. इन सभी का निर्णय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और केंद्रीय नेतृत्व आपसी सहमति से लेगें प्रदेश कांग्रेस में लगातार एक व्यक्ति एक पद को लेकर आवाज उठती रही हैं, जिससे नए साल में संगठन में बदलाव की चर्चा को बल मिल रहा है. इस लिहाज से प्रदेश अध्यक्ष के लिए ऐसे चेहरे की तलाश हो सकती है, जिस पर सरकार के कार्यों का दबाव नहीं हो और वह संगठन को पूरा समय देते हुए मजबूती प्रदान कर सकें. इसके साथ ही अगर मंत्री के चेहरे में बदलाव का आलाकमान निर्णय लेती है तो महिला विधायकों को मौका मिलने की भी उम्मीद दिख रही है. वहीं गठबंधन सरकार में एक मंत्री पद पहले से खाली पड़ा हुआ है, जिस पर लगातार कांग्रेस दावा करती रही है. इस लिहाज से नए साल में कैबिनेट विस्तार की भी उम्मीद है.