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न रहने को जगह है, न खाने के लिए भोजन, बाढ़ पीड़ितों का दर्द

‍ मेंबाढ़ जैसी आपदा में भी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता की मदद नहीं कर रहे हैं. जिससे लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

दरभंगा: बिहार में बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है. राज्य के कई जिले इसकी चपेट में आ गए हैं.झारखणडवाणी संवाददाता लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहा है. झारखण्ड वाणी संवाददाता हनुमान नगर प्रखंड क्षेत्र में पहुंचे तो वहां के लोगों का कोई व्यवस्था न होने पर आक्रोश फूट पड़ा. क्षेत्र के अधिकांश पंचायत के लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है. स्थानीय लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की तलाश में पलायन कर गए, लेकिन वहां भी बाढ़ का पानी पहुंच गया. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरभंगा में बाढ़ की वजह से काफी तबाही हो रही है. लोगों के घरों के साथ ही उसमें रखे जरूरी सामान और राशन भी पानी में डूब गए. आलम यह है कि स्थानीय लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं. साथ ही हनुमान नगर प्रखंड क्षेत्र के 7 पंचायतों की बिजली भी बाढ़ की वजह से कई दिनों से बाधित हो गई है. जिससे लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
स्थानीय हीरा पासवान ने बताया कि बाढ़ की वजह से हमारे घर में रखे सभी सामान बर्बाद हो गए. हमें रोज खाने पीने की व्यवस्था करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्रशासन की तरफ से हमलोगों को कोई मदद नहीं मिली है.
बाढ़ प्रभावित हीरा पासवान ने बताया कि नेता, मंत्री और जनप्रतिनिधि बस चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं. उन्होंने बताया कि इस विपदा की घड़ी में कोई अधिकारी पूछने तक नहीं आया. उन्होंने बताया कि हमारे ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है, लेकिन कोई हाल चाल जानने वाला भी नहीं है.
स्थानीय लोगों में जनप्रतिनिधि के खिलाफ काफी नाराजगी है. एक अन्य स्थानीय भरत साहनी ने कहा कि इस बार नेता जब वोट मांगने आएंगे तो हम उन्हें सबक सिखाएंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ के पहले बैठक कर संबंधित विभागों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है