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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मेदिनीनगर वन प्रमंडल के कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मेदिनीनगर वन प्रमंडल के कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उनके खिलाफ माफियाओं की मिलीभगत से 15 हेक्टयर से ज्यादा वनभूमि से लगभग 535 पेड़ों का अवैध पातन करने का आऱोप है.
जितेंद्र कुमार हाजरा, वन क्षेत्र पदाधिकारी के खिलाफ कई और मामलों में विभागीय कार्रवाई की गई. इसके अंतर्गत जराईकेला पूर्वी लौंगिग प्रक्षेत्र में पदस्थापन के दौरान उनके खिलाफ एक वेतनवृद्धि पर असंचायक प्रभाव से रोक और निंदन की कार्रवाई की गई थी. वहीं खूंटी वन प्रमंडल के गिरगा वन प्रक्षेत्र में वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी रहने के दौरान 22,53,416 रुपए गबन एवं दुरुपयोग के आरोप में निलंबित करने के साथ दो वेतनवृद्धि पर असंचयात्मक प्रभाव से रोक लगाने के अलावा 11,26,708 रुपए की वसूली की गई थी. वहीं, गिरगा वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी के पद पर पदस्थापन के दौरान ही उनके खिलाफ 1,28,736 रुपए का फर्जी व्यय बनाकर सरकारी राशि का गबन करने का आरोप प्रतिवेदित है.

धनबाद जिले के धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह मौजा में भू-अर्जन की प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता और भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में आरोपी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ दर्ज की जाएगी प्राथमिकी, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रस्ताव पर दी सहमति

धनबाद जिला के भू-अर्जन घोटाले में आऱोपी पदाधिकारियो और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इसके तहत धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह मौजा में भू-अर्जन की प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता मामले में आरोपी पदाधिकारियों और कर्मियों तथा भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में दो पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. ज्ञात है कि इन दोनों मामलों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी कर रही है.
धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह में भू-अर्जन प्रक्रिया में हुई अनियमितता मामले में तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी श्री लाल मोहन नायक, तत्कालीन प्रभारी कानूनगो विजय कुमार सिंह, तत्कालीन अमीन श्यामपद मंडल, कार्यालय सहायक रामाशंकर प्रसाद, तत्कालीन नाजीर मो. जिलानी (सेवानिवृत) , तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजकुमार प्रसाद (सेवानिवृत), तत्कालीन सहायक अभियंता अरुण कुमार सिंह, तत्कालीन कनीय अभियंता जगतानंद प्रसाद और अधिवक्ता रमेश कुमार प्रसाद तथा अन्य लाभार्थी शामिल हैं. वहीं, भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक (सेवामुक्त) और तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर (सेवानिवृत) पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

झरिया पुनर्वास प्राधिकार द्वारा वर्ष 2010 में बाघमारा थाना क्षेत्र के तिलाटांड में 59.4 एकड़ भूमि अर्जित करने का प्रस्ताव मिला था. इस प्रस्ताव के तहत भू अर्जन के लिए अधिसूचना पर तत्कालीन उपायुक्त का अनुमोदन प्राप्त किया गया. वर्ष 2013 में आऱोपी पदाधिकारी उदयकांत पाठक द्वारा पदाधिकारियों द्वारा 15 रैयतों के बीच 20 करोड़ से भी अधिक राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया. लेकिन, रैयतों को मुआवजा भुगतान करने हेतु सक्षम पदाधिकारी से दर निर्धारित नहीं कराई गई. इसके अलावा भू अर्जन अधिनियम औऱ झारखंड स्वैच्छिक भू अर्जन नियमावली के अंतर्गत निर्धारित अवधि के अंदर प्रभावित रैयतों से सहमति पत्र प्राप्त कर उचित मुआवजा भुगतान करने हेतु दखल कब्जा प्राप्त करने संबंधी निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया. इसके बाद रैयतों को भुगतान की कार्रवाई की गई और उसके पश्चात पंचाट की घोषणा नहीं होने से अभिलेख को व्ययगत घोषित कर दिया गया. इससे साफ है कि आरोपी पदाधिकारी उदयकांत पाठक द्वारा गलत मंशा से राशि भुगतान की गई. इसमें 11 रैयतों को जोड़ापोखर पैक्स के माध्यम से भूमि का बगैर दखल कब्जा प्राप्त किए राशि भुगतान कराई गई. धनसार में संबंधित रैयतों को भुगतान की गई राशि बिचौलियों द्वारा निकाल ली गई

झारखंड/ वनांचल और जेपी आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आय़ोग द्वारा आंदेलनकारियों की संपुष्ट सूचियों के आवेदकों के कंडिका सुधार करने से संबंधित अधिसूचना प्रारुप को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मंजूरी दी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड/ वनांचल और जेपी आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आय़ोग द्वारा आंदेलनकारियों की संपुष्ट सूचियों के आवेदकों के कंडिका सुधार करने से संबंधित अधिसूचना प्रारुप को मंजूरी दे दी है. आय़ोग द्वारा पहली, दूसरी, तीसरी, पांचवी, छठी और नौवीं संपुष्ट सूची में उन्नीस आंदोलनकारियों के नाम हैं. इनमें बोकारो जिले के दो, पूर्वी सिंहभूम के चार, गिरिडीह के एक, जामताड़ा के दो, लोहरदगा के तीन, रांची के पांच और सरायकेला-खरसांवा के दो आंदोलनकारी आवेदक शामिल हैं.
झारखंड/ वनांचल एवं जेपी आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग द्वारा कंडिका में किए गए सुधार प्रतिवेदनों के बाद आंदोलनकारियों की जो सूची संपुष्ट हुई है, उनमें बोकारो के लखिन्दर महतो और लंबोदर महतो, पूर्वी सिंहभूम जिले के पाहाड़ नायक, गौरी शंकर दास, हरिशंकर महतो और एडिएल मिंज, गिरिडीह जिले के रामचरण मंडल, जामताड़ा के मोहम्मद इम्तियाज खां और आंदोलनकारी स्वर्गीय विनोद राय की आश्रित पत्नी हिमानी राय, लोहरदगा के जलेश्वर उरांव, जॉर्ज कुजूर एवं प्रदीप राणा, रांची के दिलीप कोस्मस खेस, मनोज मिंज, नवीन केशरी उर्फ प्रवीण केशरी, आंदोलनकारी स्वर्गीय साबिर अंसारी की आश्रित पत्नी सैफून निशा औऱ परमेश्वर महतो, सरायकेला-खरसांवा जिले के विमल कुमार हाईबुरु और बुधराम उर्फ बुतरू के नाम शामिल हैं.