झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

मेरे सपने मुझे बुलाते हैं

मेरे सपने मुझे बुलाते हैं
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पास दिल के कभी जो आते हैं
मेरे सपने मुझे बुलाते हैं

टूटे सपने, भले बिखर जाए
फिर से सपने नए सजाते हैं

कई मशगूल बेचने के लिए
कोई सपने नए दिखाते हैं

डोर साँसों की जबतलक यारों
फिर तो सपने भी आते जाते हैं

जो भी सपने हमें तसल्ली दे
उसे पाने को दिल लगाते हैं

एक पूरा हुआ तो फिर सपना
जिन्दगी हम भी यूँ बढ़ाते हैं

सोच कैसा सुमन का हो सपना
चूक जाने पे सर खुजाते हैं

श्यामल सुमन