सरायकेला के जमालपुर में मंदिर के पास जलमीनार निर्माण का बस्तीवासियों की ओर से जमकर विरोध किया गया. बस्तीवासियों के आक्रोश को देखते हुए वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी समेत नगर निगम और जुडको के अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. बस्तीवासियों ने बताया कि जलमीनार के निर्माण से मंदिर का आस्तित्व समाप्त हो जाएगा.
सरायकेला: आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड तीन के सतवाहिनी, जमालपुर में मंदिर के पास जलमीनार निर्माण का बस्तीवासियों की ओर से जमकर विरोध किया गया. बस्तीवासियों के आक्रोश को देखते हुए वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी समेत नगर निगम और जुडको के अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. इस दौरान बस्तीवासियों ने किसी भी कीमत पर मंदिर परिसर से सटे स्थल पर जलमीनार बनने नहीं देने की बात कही.
बस्तीवासीयों ने बताया कि वर्षों से इस स्थल पर मंदिर रहने के कारण लोगों की आस्था यहां से जुड़ी है. प्रत्येक वर्ष इस स्थल पर रामनवमी झंडा जुलुस का भव्य आयोजन समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें काफी संख्या में श्रद्धलुओं की उपस्थिति रहती है. जलमीनार के निर्माण से मंदिर का आस्तित्व समाप्त होने को लेकर प्रशासन से इस योजना को अन्यत्र शिफ्ट कराने की मांग पूर्व में भी बस्ती के लोगों ने की थी. रविवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी एसके रत्नाकर के नेतृत्व में नगर निगम और जुडको के अधिकारियों की टीम जब प्रस्तावित स्थल पर पहुंची तो बस्तीवासी भड़क उठे. इस मुद्दे को लेकर वार्ता करने गए अधिकारियों को उनके आक्रोश का सामना करना पड़ा. उक्त स्थल पर स्थिति इतनी विकट हो गई कि आपस में ही टकराहट की नौबत आ गई. किंतु दंडाधिकारी के प्रयास से मामला को सुलझाते हुए बस्तीवासियों के सुझाव पर सतवाहिनी मैदान के पास स्थल को चिन्हित कराया गया. इस दौरान विहिप नेता भगवान सिंह, पार्षद अभिजीत महतो, युवा झामुमो नेता बंकिम चौधरी, समेत काफी संख्या में बस्तीवासी उपस्थित थे.
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