नई दिल्ली| लद्दाख में हॉट स्प्रिंग से चीन और भारत की सेना पीछे हट गई हैं. डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया के तहत दोनों देशों की सेनाओं ने अपने कदम पीछे किए हैं. वहीं, पैंगोंग को लेकर अगले हफ्ते सैन्य कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है.
सैन्य और राजनयिक स्तर पर जारी बातचीत के कारण ही पीपी 15 पर पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हुआ है. इससे पहले गलवान और गोगरा क्षेत्र में भी डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. यानी कि पूर्वी लद्दाख के पीपी 15, पीपी 14 और पीपी 17 ए में डिसएंगेजमेंट हो चुका है.
बता दें कि पैंगोंग और हॉट स्प्रिंग ऐसे इलाके हैं, जहां पर दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना भी पूरी तरह से सतर्क है. लेकिन अब हॉट स्प्रिंग से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं, लेकिन पैंगोंग पर अगले हफ्ते बातचीत हो सकती है.
दोनों देशों में मई के शुरुआती दिनों से ही तनाव की स्थिति बनी हुई. गतिरोध को खत्म करने के लिए सेनाओं ने बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश की, जिसमें तय हुआ कि जो भी विवादित क्षेत्र हैं वहां से सेनाएं पीछे हटेंगी. 14 जुलाई को आखिरी बार दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में बात हुई थी.
पैंगोंग से पीछे नहीं हट रहा चीन
चीन ने कोर कमांडर की बैठक के बाद ही हॉट स्प्रिंग से पीछे हटने के संकेत दे दिए थे. लेकिन पैंगोंग से पीछे नहीं हट रहा है. चीन फिंगर 4 और 5 इलाके में टिका रहना चाहता है.
गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी इसमें नुकसान हुआ था. हालांकि उसके कितने सैनिक मारे गए उसने इसका खुलासा नहीं किया. इस घटना के बाद से दोनों देशों में तनाव चरम पर पहुंच गया था. बातचीत के जरिए तनाव को कम करने की कोशिश की गई, जिसमें विवादित क्षेत्रों से पीछे हटने पर सहमति बनी.
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