जामताड़ा जिले के मिहिजाम में लाखों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय महज शोपीस बनकर रह गया है .लोगों का इसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. हमेशा वहां ताला लगा रहता है.
जामताड़ाः जिले के मिहिजाम में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय मखौल बनकर रह गया है. शौचालय में हमेशा ताला लटका रहता है. इससे स्वच्छता मिशन को ग्रहण लग रहा है. जिस उद्देश्य हेतु शौचालय का निर्माण कराया गया उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है. लोगों का इसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. नतीजा सरकार की लाखों की सामुदायिक शौचालय योजना शोपीस रह गया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और पूर्व मिहिजाम नगर परिषद उपाध्यक्ष ने सरकार की इस योजना को अनुपयोगी बताया है, जहां नहीं बनना चाहिए शौचालय वहां बना दिया गया. जहां लोगों का इसका कोई उपयोग नहीं है. दूसरी ओर इसे बनाने में करीब 30 लाख की लागत आई है. नतीजा शौचालय तो बना दिए गए लेकिन उपयोग में एक भी नहीं है और उसमें ताला लटका रहता है.
सामुदायिक शौचालय को लेकर जब मिहिजाम के नगर परिषद के अध्यक्ष से संपर्क कर पूछा गया तो उनका जवाब था कि मिहिजाम में नगर में जगह की कमी के कारण सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है और हासी पहाड़ी में सामुदायिक शौचालय चालू है, जबकि उस में ताला लटका रहता है.
मिहिजाम और जामताड़ा दोनों शहर में सामुदायिक शौचालय लाखों की लागत से ताबड़तोड़ बना दिए गए है और बनाने में खूब रुचि दिखाई गई, लेकिन इसका उपयोग कितना हो पा रहा है यह धरातल पर देखने को मिल रहा है, जो कि जांच का विषय है.
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