रांची। झारखंड में लगातार बेटियों के साथ वारदात की घटनाएं सामने आती हैं। रक्षाबंधन से एक दिन पहले गढ़वा जिले में दो नाबालिग छात्राओं के साथ 12 लड़कों द्वारा गैंगरेप की घटना सामने आई। घटना 29 जुलाई की है लेकिन मामले दो अगस्त को सामने आया। मामले में सभी 12 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। चूंकि आरोपी अज्ञात हैं, फिलहाल मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। बता दें कि राज्य में पिछले पांच महीने में रेप के कुल 716 मामले आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले मई के महीने में 169 केस सामने आए हैं।
इस साल मई तक राज्य में जनवरी में 151, फरवरी में 142, मार्च में 150, अप्रैल में 104 और मई में 169 मामले अलग-अलग जिलों में दर्ज किए गए हैं। राज्य में जिलावार पिछले पांच महीनों में सबसे अधिक 86 केस रांची में दर्ज किए गए हैं। वहीं, कोडरमा में पिछले पांच महीने में अब तक मात्र आठ रेप के मामले सामने आए हैं।
मई तक जिलावार दर्ज रेप के मामले
जिला | दर्ज रेप केस की संख्या |
बोकारो | 26 |
धनबाद | 36 |
गढ़वा | 46 |
गुमला | 28 |
खूंटी | 12 |
लोहरदगा | 27 |
रामगढ़ | 17 |
सरायकेला | 11 |
चतरा | 33 |
दुमका | 12 |
गिरिडीह | 41 |
हजारीबाग | 48 |
कोडरमा | 08 |
पाकुड़ | 20 |
रांची | 86 |
सिमडेगा | 11 |
देवघर | 28 |
पूर्वी सिंहभूम | 51 |
गोड्डा | 14 |
जामताड़ा | 10 |
लातेहार | 27 |
पलामू | 45 |
साहेबगंज | 48 |
पश्चिमी सिंहभूम | 31 |
रांची में लॉकडाउन के दौरान बढ़े रेप के केस
लॉकडाउन के दौरान रांची जिले में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गईं। सामान्य दिनों में जहां हर चार दिन पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना होती थी, वहीं लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर हर ढाई दिन पर एक पहुंच गया। लगातार चार लॉकडाउन 23 मार्च से 31 मई तक चले। इस दौरान रांची जिले में सिर्फ नाबालिगों के साथ दुष्कर्म होने के 31 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए। जबकि सामान्य दिनों में लॉकडाउन से पहले भी नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुईं, लेकिन महीने में आठ से दस मामले ही हुए।
क्या कहते हैं पोक्सो मामले के जानकार
पोक्सो मामले के जानकार अधिवक्ता जावेद रव्वानी का कहना है कि आपदा के समय दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जानने वाले लोग ही ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इससे पहले भी जहां आपदाएं आई हैं, ऐसी घटनाओं में अचानक इजाफा हुआ है। इसका कारण है लोग बेरोजगार हो जाते हैं। उनके पास काम नहीं होता। नाबालिग उनके आसपास रहती है। विकृत मानसिकता के लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं। ऐसे मामलों में थाना पोक्सो की धारा-6 भी लगाए, ताकि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
इस साल तीन बड़े रेप के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
रांची: लॉ की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने के 11 दोषियों को उम्रकैद
27 नवंबर को रांची के कांके स्थित संग्रामपुर में लॉ की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के 11 दोषियों को कोर्ट ने तीन मार्च को उम्रकैद की सजा सुनाई। 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जबकि वारदात में शामिल नाबालिग को रिमांड होम भेजा गया था। पीड़ित ने प्राथमिकी में बताया था कि 26 नवंबर की देर शाम वो संग्रामपुर बस स्टॉपेज पर अपने मित्र के साथ बैठी हुई थी, तभी वहां बाइक सवार दो और कार में बैठे सात युवक पहुंचे। बाइक सवार युवकों ने पहले उसके साथ मारपीट की, फिर जबरन उठाकर बाइक से ले गए। एक नर्सिंग होम के पास उनकी बाइक की तेल खत्म हो गई, तो पीछे से आ रही उक्त कार में डालकर एक ईंट-भट्ठे की ओर ले गए, वहां सभी ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। कुछ देर बार छात्रा के दोस्त की स्कूटी से तीन और युवक वहां पहुंचे थे।
दुमका: बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले तीन दोषियों को फांसी की सजा
दुमका में छह साल की मासूम बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर शव को छिपाने के मामले में तीन मार्च को अभियुक्त मिट्ठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई था। कोर्ट ने कहा है कि तीनों को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जबतक दम नहीं निकल जाए। झारखंड के न्यायिक हिरासत में ऐसा पहली बार हुआ है जब पीड़िता को एक महीने के अंदर इंसाफ मिला है। फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के कुछ मामलों का हवाला भी दिया और कहा कि अगर पुलिस सक्रिय होकर काम करे तो पीड़ित को तुरंत न्याय मिलेगा। 5 फरवरी 2020 को रामगढ़ के महुबना गांव में बच्ची के साथ हुई घटना थी।
जमशेदपुर: बच्ची से दुष्कर्म करके हत्या के दोषी को मरने तक जेल में रहने की सजा
टाटानगर रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई 2019 को तीन साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में 15 जून को तीनों दोषियों को अलग-अलग सजा सुनाई गई थी। मुख्य आरोपी रिंकू साव को मौत होने तक आजीवन कारावास की सजा और 90 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया, जबकि दूसरे दोषी मोनू मंडल को 10 साल कारावास और 20 हजार रुपए और तीसरे दोषी कैलाश कुमार को 7 साल सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। आरोपियों ने टाटानगर स्टेशन से बच्ची की अपहरण के बाद दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था, फिर बच्ची की हत्या कर सिर व धड़ को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था।
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