-साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल, लोगों को भी करें जागरूक
-सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित इलाज
लखीसराय, अजय कुमार। कोविड-19 के दौर में डेंगू का भी संभावना बढ़ गई है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल कोरोना और डेंगू के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं और दोनों का कई लक्षण एक-दुसरे से समान है। जिसके कारण लोगों की बीमारी की पहचान करने में भी भारी परेशानियाँ का सामना करना पड़ता है। इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है। लोगों को कोविड-19 के दौर में डेंगू को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि इसको लेकर सजग रहना चाहिए।
लक्षण दिखते ही तुरंत कराऐ इलाज
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज कराना चाहिए। ताकि लोगों की परेशानियाँ नहीं बढ़े और ससमय इलाज शुरू हो सकें।
साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
डेंगू से बचाव को लेकर खुद के साथ-साथ घरों एवं आसपास क्षेत्रों का साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। जैसे की शौचालय एवं उसके आसपास की जगह, किचन, बेडरूम आदि जगहों के साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यह बीमारी मच्छर काटने से होता है और गंदे जगह पर मच्छर के पनपने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए इससे बचाव के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव होगा।
कोविड-19 और डेंगू की ये है पहचान
कोविड-19 एवं डेंगू, दोनों बीमारियों में कई लक्षण आम होने के बावजूद इसमें कुछ अंतर भी हैं। डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन, रैशेज होते हैं। अगर डेंगू ने गंभीर रूप ले लिया हो तो इसमें बार-बार उल्टी आना, सांस तेज चलना, पेट में दर्द रहना, मसूड़ों से खून निकलना, कमजोरी, उल्टी में खून आने के लक्षण मिलते हैं। जबकि कोविड-19 होने पर उल्टी की जगह रोगी को दस्त लगते हैं। कोरोना के शुरुआत में बुखार, बलगम वाली खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां आती हैं। हालांकि, समय के साथ-साथ इसमें अन्य लक्षण भी शामिल कर दिए गए हैं। इसमें स्वाद का पता न चलना, सुगंध न आना , स्किन पर रैशेज आदि शामिल हैं। हालांकि कोरोना के कुछ ऐसे मामले में भी सामने आए हैं जिसमे रोगी में काफी लंबे समय तक कोई लक्षण ही सामने नहीं आते हैं।
इसलिए दोनों बीमारियाँ का तुरंत इलाज शुरू कराना बेहद जरूरी है।
डेंगू का घरेलू उपचार
गिलोय जूस: डेंगू के बुखार से बचने के लिए गिलोय जूस को कारगार माना गया है। गिलोय जूस मेटाबोलिज्म बेहतर करने के साथ-साथ इम्युनिटी भी स्ट्रांग करता है। स्ट्रांग इम्युनिटी डेंगू के बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करती है। इससे प्लेटलेट काउंट बढ़ता है और रोगी को बेहतर लगता है। एक गिलास पानी में दो छोटे गिलोय के तनों को उबाल लें और इस पानी को गुनगुना होने पर पी लें। इसका दिन में दो बार से अधिक न सेवन करें।
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