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कोरोना पॉजिटिव सीआरपीएफ जवान ने कोविड सेंटर में काटा बवाल, खुद को कमरे में किया लॉक

रांची में कोविड सेंटर में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ने जमकर बवाल काटा. कोरोना पॉजिटिव ने कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना के पॉजिटिव तीन मरीजों को चाकू का भय दिखाकर बाहर कर दिया, बल्कि खुद भी सेंटर के एक कमरे में बंद हो गया.

रांची: राजधानी में डोरंडा स्थित कोविड सेंटर में कोरोना के एक पॉजिटिव मरीज ने रविवार और सोमवार को डोरंडा इलाके में जमकर उत्पात मचाया. उसने न सिर्फ डोरंडा रिसालदार बाबा कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना के पॉजिटिव तीन मरीजों को चाकू का भय दिखाकर बाहर कर दिया, बल्कि खुद भी सेंटर के एक कमरे में बंद हो गया. उसने कहा कि अगर कोई अंदर आया तो उसे वह जान से मार देगा. मिली जानकारी के अनुसार, उत्पात मचाने वाला पॉजिटिव मरीज सीआरपीएफ का जवान है. सोमवार
की सुबह वह सेंटर से फरार हो गया था. इसको लेकर पूरे सेंटर में हड़कंप मच गया. सोमवार देर शाम सेंटर के इन्सिडेंट कमांडर मनोज कुमार और डोरंडा थानेदार शैलेश प्रसाद अपनी टीम के साथ डोरंडा राजेंद्र चौक के पास पहुंचे. देर शाम उसे रस्सी से बांधकर फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया. डोरंडा पुलिस के अनुसार जवान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
जानकारी के अनुसार, डोरंडा कोविड सेंटर में 24 जुलाई को सीआरपीएफ के जवान को भर्ती किया गया था. जवान काफी डरा हुआ था. रविवार से उसने उत्पात मचाना शुरू किया. रात करीब नौ बजे उसने ऑपरेशन करने वाला एक चाकू लिया. सीधे सेंटर के एक कमरे में गया, जहां पहले से तीन पॉजिटिव मरीज भर्ती थे. उन्हें चाकू दिखाकर कहा कि यहां से बाहर चले जाओ, नहीं तो मार देंगे. डर कर तीन मरीज कमरे से बाहर निकल गए. इसके बाद उसने खुद को उस कमरे में बंद कर लिया. कर्मियों ने जब कमरा खुलवाने का प्रयास किया तो उन्हें जवान ने धमकी दी. इसके बाद उसे छोड़ दिया गया. रातभर जवान उसी कमरे में बंद रहा, हालांकि सूचना मिलने पर डोरंडा पुलिस भी मौके पर पहुंची. जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया.
बताया जा रहा है कि सोमवार को दोपहर में जवान सेंटर से फरार हो गया. वह भागकर सीधे डोरंडा राजेंद्र चौक पहुंच गया. इसकी जानकारी मिलते ही सेंटर में हड़कंप मच गया. इसके बाद डोरंडा पुलिस को मामले की जानकारी दी गई. राजेंद्र चौक पर सेंटर और पुलिस दोनो ही पहुंची. हालांकि इसकी जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गया. लोग इधर-उधर भागने लगे. सेंटर कर्मी और पुलिस कोई भी उसके करीब नहीं गया. दूर से ही उसे समझाने का भी प्रयास किया गया. काफी मशक्कत के बाद रात आठ बजे उसे रस्सी से बांधा गया. इसके बाद अस्पताल लाया गया.
कोरोना का खौफ इतना ज्यादा है कि जब पॉजिटिव मरीज के भागने की बात सेंटर के कर्मियों ने नोडल डॉक्टर को दी. उन्हें जल्दी सेंटर पहुंचने का आग्रह भी किया, मगर डॉक्टर न तो खुद आए और न ही कर्मियों को उन्होंने कोई सलाह ही दी. इसको लेकर कर्मियों में उनके प्रति काफी नाराजगी भी थी. सेंटर के इन्सिडेंट कमांडर ने बताया कि जवान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उसे रिम्स और रिनपास भेजा गया था. लेकिन दोनों ने ही उसे भर्ती लेने से इंकार कर दिया. इसके बाद उसे फिर से डोरंडा कोविड सेंटर में भर्ती किया गया