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कोरोना काल में रंगीन कोटेड शीट का धंधा काफी मंदा, प्रोडक्शन में आई 70 फीसदी की गिरावट

′लोहा एक ऐसा धातू जो जीवन का द्योतक भी है और जिंदगी के लिए जरूरी भी है. घर हो, दुकान हो, परिवहन हो हर बुनियादी चीजों का रिश्ता लोहे से जुड़ा ठोस और मजबूत है. आज लोहा भी संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. कोरोना का संक्रमण लोहा और उससे जुड़े उत्पादों पर भी पड़ा है. लोहे की चादर बनाने वाले उद्यमी भी अब इसकी चपेट में हैं.

सरायकेला: कोरोना के इस संक्रमण काल में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति बचा हो जो इससे प्रभावित न हुआ हो और शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिस पर कोरोना संक्रमण का असर देखने को नहीं मिला हो. सभी व्यवसाय पर लॉकडाउन का प्रभाव बीते चार महीनों के अंदर देखने को मिला. ड्यूरेबल व्यवसाय मसलन लोहे की चादर निर्माण करने वाले उधमी भी अब इसके चपेट में हैं.
कोविड-19 और लॉकडाउन लगने के कारण शुरुआती दौर में ही बरसात से पूर्व इन उद्योगों में कृषि से जुड़े उपकरण भी बनाए जाते थे, लेकिन कच्चे माल के आवक नहीं होने के कारण इस वर्ष खेती के उपकरण भी पर्याप्त संख्या में नहीं बन पाये . इस उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 50 फीसदी से भी कम व्यवसाय हुआ है. मार्च-अप्रैल के महीने में जहां खेतीबाड़ी से जुड़े उपकरण बनकर तैयार रहते थे. वे नहीं बन पाए. ऐसे में कृषि उपकरण व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है.
कोरोना संक्रमण को लेकर लोहे की चादर यानी रंगीन कोटेड रूफ शीट निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. जून-जुलाई के महीने में बरसात से पूर्व इन उद्योगों में बड़ी संख्या में कलर कोटेड रूफ शीट तैयार किए जाते थे ताकि बरसात से पूर्व उन्हें पर्याप्त बाजार मिल सके, लेकिन इस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रोडक्शन कार्य सुचारू रूप से नहीं चल सका और समय से उत्पादकों को कच्चा माल नहीं मिल पाया. नतीजतन इस साल बरसात होने के बावजूद भी रूफ शीट यानी लोहे की चादरों का मार्केट ठंडा है. लोहे की चादर निर्माण से जुड़े व्यवसायी और निर्माता बताते हैं कि फिलहाल कोरोना के इस समय में 70% वर्क आर्डर में गिरावट देखी जा रही है. पिछले वर्ष जहां 6 महीने में 25 टन प्रोडक्शन होता था. अब वह विगत 4 महीनों में ये 5 टन पर आकर सिमट गया है. निर्माता बताते हैं कि वर्क आर्डर कम है, लेकिन उद्योग चलाने और मेंटेनेंस संबंधी खर्चें यथावत हैं. ऐसे में प्रॉफिट के आसार नजर नहीं आते.
कलर कोटेड शीट डिमांड सबसे अधिक नए उद्योग और प्रोजेक्ट स्थापित होने में प्रयोग में लाया जाता है. ऐसे में विगत चार महीनों से न तो कोई नया प्रोजेक्ट शुरू हो सका है न ही नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं. उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के दौर में सरकार द्वारा जारी सभी नियमों के तहत कम संख्या में मजदूरों को रख सोशल डिस्टेंस के साथ कार्य कराए जा रहे हैं. ऐसे में खर्च अधिक पड़ता है. इस उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकार के एसओपी के पालन में भी अतिरिक्त खर्च बैठ रहा है. जैसे कि मजदूरों को कार्य के दौरान मास्क, गलव्स और हैंड सेनेटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो अतिरिक्त खर्चों में शामिल हैं.
वैसे तो संक्रमण के इस दौर में कोई व्यवसाय ऐसा नहीं है जो प्रभावित न हुआ हो. ऐसे में इससे जुड़े अन्य उत्पादों को बनाने वाले उद्योग-धंधे भी इसी आस में हैं कि जल्द ही संक्रमण का यह दौर खत्म होगा और इस उद्योग के लिए एक बार फिर नए उम्मीदों वाला नया सवेरा आएगा