जमशेदपुर में कुल देवी मां मंगला की पूजा करने के लिए किन्नर पैदल ही नदी से कलश में जल लेने पहुंची. इस दौरान किन्नर अपनी जीभ और शरीर के अन्य हिस्सों में लोहे की पतली सीक को चुभाकर झूमते नजर आयी
जमशेदपुरः शहर में रहने वाली किन्नर अपनी कुल देवी की पूजा के लिए नदी से कलश में जल लेने पहुंची, जहां नदी में पूजा के दौरान अलग नजारा देखने को मिला. पूजा के लिए जल लेने आई किन्नर ने बताया कि हर साल हम अपनी कुल देवी की पूजा करते हैं. इस बार हमने देश से कोरोना महामारी को दूर करने की आराधना और मन्नत मांगी है.
जमशेदपुर में किन्नरों द्वारा प्रति वर्ष कुल देवी मां मंगला की पूजा की जाती है. इस दौरान किन्नर पैदल चलकर नदी घाट पर पूजा अर्चना कर कलश में जल भरकर वापस पूजा स्थल आती हैं और रात को पूजा करती हैं. इसी क्रम में बर्मामाइंस में रहने वाली किन्नर अनोखे अंदाज में साज-सज्जा के साथ दो मुहानी स्वर्णरेखा नदी घाट पहुंची और कलश में जल भरने से पूर्व अपनी कुल देवी की आराधना की. इस दौरान कई किन्नर अपनी जीभ और शरीर के अन्य हिस्सों में लोहे की पतली सीक को चुभाकर झूमते नजर आई. वहीं, कई किन्नर अपने जिव्हा पर पतला त्रिशूल चुभाकर झूम रही थी. इसके बाद किन्नरों ने शंखनाद के साथ विधि-विधान से पूजा की और झूमते हुए कलश में जल भरकर रवाना हुई.
बता दें कि मान्यता है कि कुल देवी मां मंगला से मन्नत मांगी जाती है, जिसे पूरा करने के लिए उनके अपनी जीभ में लोहे की पतली सीक चुभा कर मां को प्रसन्न करना होता है. पूजा के लिए जल लेने आई किन्नर नंदनी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से मंगला पूजा के अवसर पर कुलदेवी की पूजा बर्मामाइंस में की जाती है, जहां हम पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा आराधना करते हैं. उसने बताया कि इस वर्ष हमने अपनी कुल देवी मां मंगला से आराधना की है कि देश से कोरोना महामारी खत्म हो जाय और सभी स्वस्थ रहे. नंदनी ने बताया कि उनके निवास स्थल पर मां की मूर्ती स्थापित की गई है, जहां रात भर पूजा की जाएगी.
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