

कदमा केएफ-4 बीएच एरिया निवासी पार्वती चटर्जी से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 75 लाख 53 हजार 252 रुपये ठग लिए गए। ठगी का आरोप कोलकाता की डील मनी सिक्योरिटी कंपनी पर लगा है। इस मामले में साइबर थाना में एफआईआर दर्ज की गयी है। ठगों ने इतनी रकम हड़पने के बाद पीड़िता का ना तो टावर लगाया और ना ही पैसे दिए। प्राथमिकी के अनुसार पार्वती चटर्जी मूल रूप से गांव सोनामुखी पश्चिम मेदिनीपुर पश्चिम बंगाल की निवासी हैं। उनका अकाउंट केनरा बैंक में है, जिसमें उनका मोबाइल नंबर पंजीकृत है। 29 जनवरी 2019 को उनके भतीजे चंदन बनर्जी के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आया और कॉलर ने स्वयं को वोडाफोन टावर कंपनी का कर्मचारी बताया। उसने पूछा कि क्या आप मोबाइल टावर लगाने के इच्छुक हैं, जिसके बदले में आपको एकमुश्त 30 से 40 लाख रुपये और प्रतिमाह 18 हजार रुपये किराए के रूप में मिलेंगे। इन लोगों की पश्चिम बंगाल के सोनामुखी में घर और जमीन है, लिहाजा वहां टावर लगाने के लिए भतीजे चंदन ने बात की और यह बात उसने पार्वती चटर्जी को बतायी। उसने पार्वती को वह फोन नंबर भी दिया, जो वोडाफोन टावर कंपनी के कर्मचारी का था। पार्वती चटर्जी ने उस नंबर पर कॉल कर उस व्यक्ति से टावार लगाने पर हामी भर दी। उसके थोड़े ही देर बाद उनके मोबाइल नम्बर पर अंतरा राय नामक एक महिला का फोन आया, जिसने कहा कि यदि टावर लगाना है तो कोलकाता साल्टलेक स्थित डीलमनी के ऑफिस जाकर रजिस्ट्रेशन शुल्क 35 हजार 400 रुपये चेक से जमा कर दें। पार्वती चटर्जी 21 फरवरी 2019 को साल्ट लेक विधान नगर सेक्टर-5 स्थित उस ऑफिस में गई और वहां जाकर उन्होंने अपने 35 हजार 400 रुपये का चेक जमा किया। उसके बाद 21 फरवरी 2019 से लेकर 12 जून 2020 के बीच अलग-अलग किश्तों में मोबाइल सागर राय, अमित शर्मा, संजय चौधरी, राजवीर सिन्हा, रणवीर और कावेरी ने अलग-अलग मोबाइल नम्बरों से कॉल कर कभी एनओसी, जीएसटी, सिक्योरिटी मनी और पॉल्युशन जांच के नाम पर उनके केनरा बैंक खाते से 64 लाख 12 हजार 186 रुपये, उनकी बहन जयंती चक्रवर्ती के खाते से पांच लाख 70 हजार 533 और उनके भतीजे के खड़गपुर स्थित पीएनबी के अकाउंट से पांच लाख 70 हजार 533 जो कुल राशि 75 लाख 53 हजार 252 है, उसकी ठगी कर ली। इसके लिए ठगों ने नौ अलग-अलग खातों में रुपये मंगवाए। सबसे ज्यादा 11 लाख 40 हजार 285 रुपये का चेक मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस हांगको के नाम पर जमा की गयी। पीड़िता के अनुसार ठगों द्वारा यह कहा जाता था कि उनके टावर का क्षेत्र देख लिया गया है, इसलिए उसके लिए राशि चाहिए। पहले इसके लिए अलग-अलग बहाना बनाकर फोन किया जाता था और फिर उसके बाद विक्की नामक व्यक्ति जो डीलमनी का खुद को बताता था, वह अपने साथी अश्विनी कुमार को जमशेदपुर और समीर सिंह को खड़गपुर भेजकर चेक लेकर जाता था। साइबर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।





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