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कानुन का खेल, जीवित के हत्या में दो को जेल

पुलिस की लापरवाही का एक ऐसा नमूना सामने आया है, जिसे जानकर न सिर्फ हंसेंगे बल्कि सिस्टम पर भी तरस आ जाएगा। दरअसल, जिस भाई की हत्या के आरोप में दो भाई जेल में हैं, वही भाई 5 महीने बाद घर लौटा और घर वाले देखकर दंग रह गए क्योंकि जो सामने खड़ा था, उस ही का तो घर वालों ने अंतिम संस्कार कर दिया है। पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही के अलावा कुछ भी सामने नहीं आ रहा है।

दरअसल, गुजरात पुलिस रिकॉर्ड में राजस्थान के डूंगरपुर के खरपेड़ा गांव का रहने वाले ईश्वर का शव 6 फरवरी को मिला। शव की शिनाख्त के बाद अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। मरने वाले की पत्नी ने हत्या का मामला दर्ज कराया और पुलिस ने ईश्वर के ही दोनों भाइयों को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पांच महीने बाद जब ईश्वर अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा तो उसे देख कर सब दंग रह गया। परिजन मृत घोषित किए गए ईश्वर को लेकर सीमलवाड़ा पुलिस चौकी पहुंचे।

गौरतलब है कि गुजरात के ईसरी थाना क्षेत्र के मोरी गांव के पास एक युवक का शव मिला था। शव पुराना और सड़ा-गला था। पुलिस की तफ्तीश में युवक का कनेक्शन खरपेड़ा से निकल गया। ईश्वर की पत्नी सीमा, साले और ससुर ने मृतक की शिनाख्त कर दी, लेकिन उसके भाइयों और परिजनों ने ईश्वर का शव होने से इनकार किया। ईसरी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर ईश्वर के दो भाइयों को हत्या मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वे जेल में सजा काट रहे हैं।

अब सवाल यह उठ रहा है कि खरपेड़ा गांव में दफन किए गए युवक का शव आखिर किसका है। अगर ईश्वर जिंदा है तो फिर वो शव किसका है। क्या पुलिस ने बिना सोचे समझे ही केस बनाकर कार्रवाई कर दी। इधर गुजरात पुलिस से पूरे मामले में कहा कि शव की शिनाख्त पत्नी और अन्य ससुराल वालों ने की, उसके हाथ पर ईश्वर लिखा था, अब ईश्वर को बुलाकर पूछताछ की जाएगी, इसके बाद आगे की जांच की जाएगी।