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कंटेनमेंट जोन में जिला प्रशासन नहीं करा पा रही सुविधा उपलब्ध, लोगों ने जताया विरोध

गुमला के कंटेनमेंट जोन में जिला प्रशासन की कार्यशैली का लोगों ने विरोध जताया. उनका कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से न तो रोज उपयोग में आने वाले सामानों की आपूर्ति की जा रही है, न ही हरी सब्जियां उपलब्ध कराई जा रही हैं
यहां तक की दूध पीने वाले छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं करा रही.

गुमला: नगर परिषद क्षेत्र के ज्योति संघ के पास रहने वाले एक बैंक मैनेजर कोरोना संक्रमित पाए गए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन ने बैंक मैनेजर के परिवार और आसपास रहने वाले लोगों का स्वाब सैंपल लिया था. जिसमें बैंक मैनेजर के परिवार के तीन और लोगों का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिला था. ऐसे में जिला प्रशासन ने ज्योति संघ के आसपास के 34 घरों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए चारों तरफ से घेराबंदी कर सील कर दिया. इस बीच कंटेनमेंट जोन से एक और
व्यक्ति का कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन ने उस व्यक्ति को भी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करा दिया है.
अधिकारियों पर बदसलूकी का आरोप
अब यहां रहने वाले लोगों को जिला प्रशासन की ओर से न तो रोज उपयोग में आने वाले सामानों की आपूर्ति की जा रही है, न ही हरी सब्जियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. यहां तक की दूध पीने वाले छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं करा रही. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों ने इसको लेकर शनिवार की सुबह जमकर हंगामा किया. यहां के लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी उनकी किसी तरह की सुध नहीं ले रहे हैं. जिसके कारण कई लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का कहना है कि
अगर वे अपने माध्यम से बांस की घेराबंदी किए गए स्थान तक बाहर से हरी सब्जियां या दूध या फिर कोई भी जरूरत का सामान मंगाते भी हैं तो यहां पर तैनात अधिकारी उसे लेने से रोकते हैं. यहां तक कि अधिकारी उनके साथ बदसलूकी भी करते हैं.
रिहायशी इलाके में बनाए गए कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का कहना है कि जो साधन संपन्न लोग हैं, उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं चाहिए. लेकिन यहां कई ऐसे परिवार हैं जो रोज कमाने खाने वाले हैं. उनके पास न तो अब खाने के लिए राशन है और न ही कोई अन्य सुविधा. ऐसे में अगर कोई किसी तरह व्यवस्था भी कराता है तो उससे अधिकारी डांट-फटकार लगाने लगते हैं.