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कंटेनमेंट जोन के लोगों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं, किया प्रदर्शन

सरायकेला के कंटेनमेंट जोन के लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान न होने से रविवार को स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंचे बीडीओ ने कहा कि वरीय अधिकारियों से प्राप्त निर्देश के बाद व्यवस्था की जाएंगी.

सरायकेलाः जिले के नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कई मोहल्लों को कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. कंटेनमेंट जोन के लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान न होने से रविवार को आक्रोशित होकर लोगों ने सड़कों पर उतर कर नाराजगी जताई और घंटों धरने पर बैठे रहे. पंचायत के वार्ड संख्या आठ के हंसाउड़ी में बने कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों ने रविवार को जमकर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि दो सप्ताह से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी स्थानीय मोहल्ले वासियों को राशन, सब्जी, दवा आदि की सुविधाएं नहीं मिल पा रही और न ही यहां के लोग घर से निकल पा रहे हैं. ऐसे में लोगों को अब घरों में रहते हुए ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कंटेनमेंट जोन में सुविधाएं नदारद होने से आक्रोशित लोग तकरीबन चार घंटे तक धरने पर ही बैठे रहे. वहीं, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी और घोषित इंसिडेंट कमांडर के खिलाफ भी लापरवाही बरतने संबंधित आरोप लगाएं. हंगामे की सूचना पर सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया.
बीडीओ ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में प्रशासन के आदेश के बाद अब 14 दिन के बजाय 28 दिन तक क्षेत्र को सील रखने का आदेश दिया गया है, जिसके बाद लोगों में इसे लेकर नाराजगी देखी जा रही है. बीडीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को सुविधाएं प्रदान की जाएगी. इसे लेकर वरीय अधिकारियों से प्राप्त निर्देश के बाद व्यवस्था की जाएंगी.
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज चौधरी लगातार इंसिडेंट कमांडर और नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे है. नगर उपाध्यक्ष ने इंसिडेंट कमांडर सह कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ जिले के उपायुक्त से मामले की लिखित शिकायत भी की है. नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में भी कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा महज खानापूर्ति की जा रही है और कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों की सुविधाओं को दरकिनार किया जा रहा है. इन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी पर अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की है.