झारखण्ड वाणी

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जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने सचिव पथ निर्माण विभाग झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर चार सौ करोड़ रूपये के खर्च पर बनने वाले ‘मानगो-साकची फ्लाईओवर’ की डिजाईन, संभाव्यता प्राक्कलन, डीपीआर, यातायात सर्वेक्षण प्रतिवेदनों तथा इस परियोजना के तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति पर पुनर्विचार करने के संबंध में लिखा है

जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने सचिव
पथ निर्माण विभाग झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर चार सौ करोड़ रूपये के खर्च पर बनने वाले ‘मानगो-साकची फ्लाईओवर’ की
डिजाईन, संभाव्यता प्राक्कलन, डीपीआर, यातायात सर्वेक्षण प्रतिवेदनों तथा इस परियोजना के तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति पर पुनर्विचार करने के संबंध में लिखा है

जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने पत्र में लिखा है कि 19 जुलाई 2022 को मेरी पहल पर आपके कार्यालय में विस्तृत विमर्श हुआ था विमर्श में विभागीय वरीय अभियंता भी शामिल थे। मैंने निवेदन किया था कि जमशेदपुर की यातायात समस्या पर समेकित रूप से विचार किया जाना चाहिए। विकास योजनाओं का चयन व्यापक जनहित में होना चाहिए न कि किसी खास मकसद से। मैंने यह उल्लेख भी किया था कि लिट्टी चौक से एनएच-33 तक स्वर्णरेखा पुल और सड़क की योजना काफी समय से विचाराधीन है। इसके साथ ही अन्नाचौक-पिपला ऊपरी पथ, गोविन्दपुर पर काम शुरू हो गया था। परन्तु यह बीच में ही रूक गया। यह दोनों परियोजनाएं क्रियान्वित हो जायेगी तो मानगो पर भारी वाहनों का बोझ शून्य के बराबर हो जाएगा। इसके साथ ही कान्दरबेड़ा-सोनारी पथ को फोरलेन बना दिया जाय तो मानगो के यातायात पर भारी वाहनों का बोझ पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। पारडीह से बालीगुमा तक एनएच-33 पर प्रस्तावित ऊपरी पथ का योगदान भी इसमें होगा। इन परियोजनाओं के आलोक में मानगो की यातायात समस्या पर सम्यक विचार किया जाना मुझे आवश्यक प्रतीत हो रहा है।
मेरा अभिमत है कि सम्यक विचार किये बिना उपर्युक्त विषयक परियोजना एक अनुपयोगी एवं फिजुलखर्ची वाली परियोजना सिद्ध होगी। इसके पूर्व भी मानगो-साकची के बीच वर्तमान दो पुल के समान्तर तीसरा पुल बनने की बात उछाली गई थी, जो अंततः रोक दी गई। वस्तुतः मानगो, जमशेदपुर, जुगसलाई, आदित्यपुर, गोविन्दपुर आदि क्षेत्रों के लिए यातायात नियंत्रण की एक समेकित योजना पर विचार होना चाहिए, यातायात की प्रकृति और घनत्व पर गहन मंथन होना चाहिए, इस पर अंतर्विभागीय विमर्श होना चाहिए तब किसी समुचित निर्णय पर पहुंचना चाहिए। आप सहमत होंगे कि उपर्युक्त विषयक परियोजना के संदर्भ में यह सब नहीं हुआ है। जहाँ तक मेरी जानकारी है उपर्युक्त परियोजना की तकनीकी स्वीकृति आनन-फानन में हुई है और इसकी प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मंत्रिपरिषद में संकल्प प्रस्तुत करते समय भी इसके विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विमर्श नहीं हुआ है।
श्री राय ने उपर्युक्त विवरण के आलोक में अनुरोध किया है कि तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति हो जाने के बावजूद उपर्युक्त विषयक परियोजना की संभाव्यता पर पुनः गंभीर विमर्श होना चाहिए और इसके तकनीकी पहलुओं का सम्यक विश्लेषण होना चाहिए। यदि आप उपर्युक्त विषयक परियोजना के डिजाईन, फिजिबिलिटि, डीपीआर, प्राक्कलन, ट्राफिक सर्वे आदि के प्रतिवेदन मुझे उपलब्ध करायें अथवा विभागीय अभियंताओं की मेरे साथ एक बैठक करायें तो इस बारे में सार्थक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। मेरा सुझाव है कि फिलहाल इस परियोजना को स्थगित रखा जाय और मानगो नगर निगम का चुनाव हो जाने के बाद इस पर वस्तुपरक गहन विमर्श किया जाए। तदुपरांत आवश्यक परिवर्तन के साथ इसके कार्यान्वयन पर समुचित निर्णय किया जाए।