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जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने अपने बारीडीह कार्यालय में 12 से 14 नवंबर तक आयोजित हुए बाल मेला की समीक्षा बैठक की

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने अपने बारीडीह कार्यालय में 12 से 14 नवंबर तक आयोजित हुए बाल मेला की समीक्षा बैठक भाजमो कार्यकर्ताओं और मेला के आयोजन में लगे लोगों के साथ की। विधायक सरयू राय ने बैठक में समस्त कार्यकर्ताओं और मेला के आयोजन में लगे लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मात्र एक सप्ताह की तैयारी में इतना अच्छा आयोजन हुआ इसका सारा श्रेय ईश्वर और मेला की व्यवस्था में बिना थके डटे रहे समस्त कार्यकर्ताओं को जाता है। उन्होंने इतने कम समय में तैयारी कर मेला को सफल बनाने के लिए सबको धन्यवाद दिया। श्री राय ने कहा कि अगली बार इस मेले की तैयारी पहले से आरंभ करेंगे और भव्य मेला का आयोजन किया जाएगा। मेले का उद्देश्य जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में स्थित सरकारी विद्यालयों के ऐसे बच्चों को मेला के माध्यम से मनोरंजन करने का था। ऐसे बच्चे बड़े बड़े मेले में शुल्क का भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति के कारण नहीं जा पाते हैं। विधायक सरयू राय ने समस्त कार्यकर्ताओं की राय भी जानी और आगामी कार्यक्रमों की चर्चा हुई।
विधायक सरयू राय ने बैठक मे कहा कि कुछ गुट के लोगों ने मेला के आयोजन में विध्न डालने और असफल बनाने की काफी कोशिश की। उनके द्वारा कई हथकंडे अपनाए गये। विभिन्न माध्यमों से दिग्भ्रमित करने वाले दुष्प्रचार करने का प्रयास किया, मगर ईश्वर ने उन्हें सफल होने नहीं दिया। दस नवंबर को उपायुक्त के आदेश से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी विद्यालयों को इस बाल मेला में शामिल होने के लिए चिट्ठी जारी किया। लेकिन अगले ही शाम अचानक जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से दूसरी चिट्ठी जारी करते हुए मेला में शामिल नहीं होने का आदेश दिया गया। पत्र में बताया गया कि विद्यालय में भी बाल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं। शिक्षकों को मतदाता पुनरीक्षण कैम्प आदि जैसे कार्यों मं शामिल होना है इसलिए विभागीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए बच्चों और शिक्षकों को मेला में नहीं जाना है और विद्यालय में ही रहना है। अचानक संध्या में इसकी सूचना मिलने पर लगा कि जिनके लिए कार्यक्रम आयोजित हैं यदि वैसे बच्चे इसमें नहीं आएंगे तो मेला पहले ही दिन असफल हो जाएगा। परंतु संपर्क के कई निजी विद्यालयों को सूचना दी गयी सबने प्रसन्नता के साथ बढ़चढ़कर मेला में भाग लिया और संकट के समय साथ दिया जिससे उम्मीद से ज्यादा बच्चे और अभिभावक मेला में आए। अगले दिन रविवार को तो मेला में पूरे जमशेदपुर की भीड़ उमड़ पड़ी।
विगत दिनों सूर्य मंदिर में हमले की घटना का जिक्र करते हुए श्री राय ने कहा कि वह घटना भूलने योग्य नहीं है। जब भी वे अपने चोटिल कार्यकर्ताओं को देखते हैं तो उनकी पिड़ा बढ़ जाती है। विगत 18 दिनों में भी पुलिस ने दोषियों पर कोई कारवाई नहीं की। थाना में दोनों ओर से एफआईआर लेकर एक तराजू में मामले को तौला जा रहा है जो न्यायपूर्ण नहीं है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कौन मारपीट कर रहा है और कौन मार खा रहा है। जो वीडियो में दिख रहे हैं उनकी शिनाख्त प्रशासन ने की है कि नहीं यदि नहीं हुई है तो हम गली मोहल्लों दोषियों का पोस्टर लगायेंगे। प्रशासन को घटना के बारे में पूर्वाभास होने के बाद भी कोई कारवाई नहीं की। उल्टे पुलिस के जो लोग मौजुद थे वे मौन होकर मारपीट की घटना को देखते रहे इससे प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है।
विधायक सरयू राय ने कहा कि लेकिन हम चुप रहने वाले नहीं है। मामले को लेकर उच्चतम स्तर पर जाएंगे। थाना, एसएसपी से ऊपर डीजीपी और हाईकोर्ट तक जाएंगे। यदि इस पर कोई सकारात्मक कारवाई नहीं होती है और मामले को एक लीपापोती करने की कोशिश होगी तो वे चुप नहीं रहेंगे। इस मामले को देख रहे वरीय पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका की जाँच करने और ऐसे पुलिस पदाधिकारियों को हटाने की माँग करेंगे।
विधायक श्री राय ने कहा कि नगर निकाय का चुनाव भी शीघ्र होने जा रहा है। इसकी भी तैयारी में पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिय होंगे और योग्य प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। लोगों को जागरूक करने का कार्य करेंगे कि यह चुनाव विधानसभा और लोकसभा का नहीं है। इसमें योग्य जनप्रतिनिधि चुनने की आवश्यकता है जो फंड का इस्तेमाल गली, नाली और जनता की समस्या का समाधान करने के लिए करें विधायक श्री राय ने कहा कि मतदाताओं के बीच शहरी गरीबी और बेरोजगारी तथा शहरी विकास की नीति प्रस्तुत करेंगे।
बैठक में भाजमो केंद्रीय उपाध्यक्ष रामनारायण शर्मा, महासचिव संजीव आचार्य, जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, एस पी सिंह, सुनील सिंह, अजय सिन्हा, मंजु सिंह, वंदना नामता, लक्ष्मी सरकार, गौतम धर, सुधीर सिंह, हरेराम सिंह, मनोज सिंह उज्जैन, विजय नारायण सिंह, इंद्रजीत सिंह,काकुली मुखर्जी, रंजीता राय, पुतुल सिंह, गीता कुंडू, पिंकी विश्वास, जयंती तिवारी, दिमनी सुनीता ओझा, मनोरमा सिंह, सरिता पटेल, इंदु देवी, नंदिता घबराए, जमुना देवी आरती मुखी, शिवानी सिंह, महुआ चक्रवर्ती, सरस्वती खारी, प्रेम करण पांडे, प्रेम विकास गुप्ता, राजेश कुमार, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अश्विन पाठक, अमर सिंह, विकास कुमार, मुकेश शुक्ला, रामदास, अनिल कुमार सिंह, रंजीत सिंह, विजय नारायण, दीपक कुमार, कृष्णा कांत, शंभू, लोहार, अमित कुमार, अनिकेत सिंह, सुशील कुमार, संजय कुमार झा, काशीनाथ प्रधान, सुमित कुमार, नवीन कुमार, सौरभ सिंह जसवाल, रचित जयसवाल, संजय, सीता देवी, टुनटुन, रवि, आशीष पोद्दार आदि अन्य कई लोग मौजुद थे।