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जमशेदपुर में कोविड मरीजों के इलाज के लिए नहीं मिल रहे डॉक्टर, नर्स व सफ़ाई कर्मि

जमशेदपुर : अभी अगस्त की शुरुआत है। 15 अगस्त आने में एक सप्ताह देर है। तब शहर की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। फिलहाल मरीजों को भर्ती होने के लिए अस्पतालों में बेड नहीं है। कोरोना से लेकर सामान्य मरीज अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन, बेड नहीं मिल पा रहे हैं।

शुक्रवार को बिना इलाज के मानगो डिमना रोड निवासी बीरेन साहू ने घर में ही दम तोड़ दिया। इधर, इलाज करने वाले शहर के लगभग 45 से अधिक चिकित्सक, 70 से अधिक नर्स व 30 से अधिक सफाई सेवक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। वह शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी हो गई है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर, सफाई करने के लिए सफाई सेवक व रोगियों को शिफ्ट करने के लिए वार्ड ब्याय नहीं मिल रहे हैं। चार से पांच दिन पर वार्ड में राउंड लेने डॉक्टर पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसे लेकर जिला प्रशासन भी गंभीर है। शनिवार को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां व सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह के साथ बैठक की और इस महामारी में सहयोग करने का आग्रह किया।

एमजीएम ने की 10 डॉक्टर व 60 कर्मचारी की मांग एमजीएम के कोविड वार्ड की स्थिति लगातार बिगड़ते जा रही है। यहां ड्यूटी पर छह सीनियर डॉक्टर व बाकी जूनियर को तैनात किया गया था। लेकिन अब चार सीनियर सहित कई जूनियर भी संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में सिर्फ दो ही डॉक्टर बचे है और मरीजों की संख्या 125 है। इसे देखते हुए एमजीएम प्रबंधन ने विभाग से 10 डॉक्टर, 30 सफाई सेवक व 30 वार्ड ब्याय की मांग किया है। ताकि स्थिति को संभाली जा सकें।