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झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वीकार की निलंबित कांग्रेस विधायक की अर्जी

झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वीकार की निलंबित कांग्रेस विधायक की अर्जी

कांग्रेस के निलंबित विधायक के खिलाफ अगरोड़ा थाने में दर्ज जीरो प्राथमिकी को कोलकाता ट्रांसफर किया गया, जिसे निरस्त करने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
रांचीः सरकार गिराने के लिए कैश लेने के आरोपी निलंबित कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 24 फरवरी तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाई कोर्ट ने राजेश कच्छप की याचिका स्वीकार कर ली है.
कांग्रेस के खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने विधायक अनूप सिंह द्वारा कैश कांड में कराई गई जीरो एफआईआर के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. राजेश कच्छप ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रीट दाखिल कर जीरो एफआईआर को कोलकाता भेजने के आदेश को चुनौती दी थी और रद्द करने की मांग की थी. इस पूरे मामले में जांच की मांग की थी.
मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की कोर्ट में हुई. विधायक राजेश कच्छप की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा. केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विनोद साहू ने कोर्ट में बहस की.
बता दें कि कोर्ट ने पहले ही कोलकाता पुलिस की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही बंगाल पुलिस को चार्जशीट जमा करने पर जो रोक लगा दी थी जिसे अगले आदेश तक बढ़ा दिया था. कैश कांड में कांग्रेस से निलंबित तीन विधायकों के खिलाफ अरगोड़ा थाने में विधायक अनूप सिंह की ओर से जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे पश्चिम बंगाल ट्रांसफर कर दिया गया था. केस को ट्रांसफर किए जाने को निरस्त करने मांग की गई है. कांग्रेस से निलंबित विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के खिलाफ जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई थी. तीनों विधायकों को 46 लाख कैश के साथ 30 जुलाई को हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था.