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झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा उद्योग ओरिएंट क्राफ्ट बंद, 5000 कर्मचारी सड़कों पर

रांची: झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा उद्योग ओरियंट क्राफ्ट (Orient Craft) पर ताला लग गया है. जिसके चलते कंपनी की दोनों इकाइयों में कार्यरत लगभग 5000 कामगार बेरोजगार हो गए हैं. एक सप्ताह पहले तक मैनेजमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी आकर ऑफिस का संचालन कर रहे थे. उनके आने पर भी अब स्थायी रूप से रोक लगा दी गई है. इसलिए निकट भविष्य में कंपनी के खुलने की संभावना पर ग्रहण लग गया है. इससे खेलगांव और इरबा स्थित दोनों यूनिटों को मिलाकर लगभग 5000 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. 2400 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने वाली इस कंपनी ओरियंट क्राफ्ट ने फैक्टरी की दोनों यूनिटों में ताला लगा दिया है. यही नहीं, झारखंड की कई दूसरी कपड़ा उद्योग ने भी अपना बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी शुरू कर दी है.

वहीं, BJP के साथ साथ चेंबर ऑफ कॉमर्स (Chamber of Commerce) ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है. BJP सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने कहा सरकार पूरी तरह से डिरेल्ड हो गई है. मीडिया से मामले की जानकारी होने के बाद झारखण्ड सरकार ने जल्दबाजी में उद्योग निर्देशक को उनके पोस्ट से हटा दिया है. झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास (Raghuar Das) के सरकार में बड़े तामझाम के साथ कपड़े की बड़ी कंपनी ओरियंट क्राफ्ट (Orient Craft) की बुन्याद हुई थी. मोमेंटम झारखंड के बाद झारखंड में जो फैक्ट्री लगी थी उसमें से एक कंपनी ओरियंट क्राफ्ट भी थी. रांची में इस कंपनी की दो यूनिटें लगी थी. एक यूनिट ओरमांझी के इरबा में और दूसरा खेल गांव में लगा था. यहां के बने कपड़े विदेशों में जाते थे. लेकिन कोरोना वायरस प्रकोप के दौरान इस कंपनी की इस्तिथि अचानक खस्ता हो गई. लॉकडाउन (Lockdown) में कई कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए मना कर दिया गया है. कंपनी के कई अधिकारी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं.

ओरिएंट क्राफ्ट कंपनी में जून तक उत्पादन हुआ और जुलाई से कंपनी बंद कर दी गई. कंपनी में काम करने वाले कामगारों को फैक्ट्री आने से मना कर दिया गया. अब मैनेजमेंट के लोग भी दिल्ली शिफ्ट हो गए हैं. ओरिएंट क्राफ्ट कंपनी के CEO गौरभ सहगल ने बताया कि कंपनी को झारखण्ड सरकार की तरफ से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को बंद कर दिया गया है. यह राशि लगभग 33 करोड़ है. दरअसल, टेक्सटाइल नीति के तहत झारखंड के एक व्यक्ति को कंपनी में रोजगार देने पर सरकार उस कंपनी को 5 हजार से लेकर 6 हज़ार तक की प्रोत्साहन राशि देती है. सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कहा कि कंपनी आखिर क्यों बंद हुई इसकी विभाग समीक्षा करेगा.