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झारखंड के 11 और आंदोलनकारियों, आश्रितों को पेंशन, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी

झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 और आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए पेंशन की मंजूरी दे दी है. इसमें हजारीबाग के आठ और रामगढ़ के तीन आंदोलनकारी शामिल हैं. इन्हें 1 अगस्त 2015 से पेंशन मिलेगा.

रांचीः झारखंड, वनांचल और जेपी आंदोलन से जुड़े प्रदेश के 11 और आंदोलनकारियों, उनके आश्रितों को पेंशन मिलेगा. इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड, वनांचल और जेपी आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग से प्राप्त 13 वीं सूची को मंजूरी दे दी है. इससे इन आंदोलनकारियों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड, वनांचल और जेपी आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग से प्राप्त 13 वीं सूची को अपनी स्वीकृति दे दी है. इस सूची में हजारीबाग जिले के आठ और रामगढ़ जिले के तीन आंदोलनकारी शामिल हैं. इन्हें एक अगस्त 2015 से पेंशन मिलेगा.
आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग से प्राप्त सूची में रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के आरा बस्ती के रहने वाले अनिल कुमार महतो, मांडू प्रखंड के बरमासिया निवासी शिवा महतो उर्फ शिवनाथ महतो और मांडू प्रखंड के बोंगाहारा निवासी और आंदोलनकारी स्व. अकलू महतो की आश्रित पत्नी मंगरी देवी शामिल हैं.
वहीं हजारीबाग जिले के बरही निवासी लखन सिंह, युगेश्वर कुमार शर्मा, किशोर ठाकुर और रामकृष्ण प्रसाद, डाडी प्रखंड के मंगलदेव महतो, कालीचरण महतो, दशरथ महतो और धीरेंद्र महतो को भी पेंशन वाले आंदोलनकारियों की सूची में शामिल किया गया है.
जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार की सीमाओं के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन अब 31 दिसंबर 2020 तक किया जा सकेगा. इस प्रस्ताव की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दे दी है. इसके तहत 2021 जणगणना कार्य के लिए राज्य की प्रशासनिक इकाइयों जिला, अनुमंडल, प्रखंड, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, छावनी परिषद, वार्ड, पंचायत, ग्राम के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार की सीमाओं के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन करने की अंतिम तिथि को कोविड-19 के दृष्टिगत 31 दिसंबर 2019 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है. 31 दिसंबर 2020 के बाद प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में
कोई परिवर्तन जनगणना कार्य की समाप्ति तक नहीं की जा सकेगी.