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जेसीबी से डोभा निर्माण करना मुखिया को पड़ा महंगा, शासन ने किया निलंबि

धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड के बड़ा पिछड़ी पंचायत की मुखिया यशोदा देवी को निलंबित कर दिया गया है. मुखिया पर मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण में जेसीबी का उपयोग करने का आरोप है. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब

अगले आदेश तक मुखिया के दायित्व का निर्वहन पंचायत के उप-मुखिया करेंगे.

धनबाद: मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण में जेसीबी का उपयोग करना गोविंदपुर प्रखंड के बड़ा पिछड़ी पंचायत की मुखिया यशोदा देवी को महंगा पड़ गया. जांच के बाद दोषी पाए जाने पर मुखिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मुखिया को निलंबित करने का नोटिफिकेशन भी सरकार के ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज के अवर सचिव लखन राम नायक ने जारी कर दिया है.
इससे पहले डोभा निर्माण में गड़बड़ी मिलने पर डीसी ने 11 जुलाई को गोविंदपुर बीडीओ के 5 जून के पत्र के अलोक में मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा सरकार से की थी. पांच जून को ही गोविंदपुर के कनीय अभियंता और सहायक अभियंता ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि बड़ा पिछड़ी में ऋषि चौधरी की जमीन पर चल रहे डोभा निर्माण योजना में जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया था
बीडीओ सुशील कुमार राय ने जांच के लिए एक टीम का गठन किया था, जिसमें टीम ने डोभा निर्माण में जेसीबी मशीन के उपयोग की शिकायत को सही पाया था, जिसके बाद मुखिया यशोदा देवी पर झारखंड राज अधिनियम, 2001 की धारा 64 के तहत कार्रवाई की गई. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब अगले आदेश तक मुखिया का दायित्व पंचायत के उप मुखिया संभालेंगे. इसके साथ ही मुखिया यशोदा देवी को आदेश निर्गत की तिथि से एक महीने के अंदर विभाग में अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है. पक्ष समर्पित नहीं करने पर मुखिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
डोभा निर्माण में अनियमितता उजागर होने के बाद संबंधित लाभुक, अन्य संलिप्त लोगों, अज्ञात जेसीबी मालिक और वाहन चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. 29 जून को डीसी ने ग्राम रोजगार सेवक की सेवा भी समाप्त कर दी है.