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इस अवसर पर रोटी बनाने से अशुभ परिणाम मिलते हैं,धन की भी होती है कमी

भारतीय घर में हर रोज भूख मिटाने के लिए रोटी प्रमुख साधन होता है। बिना रोटी के भोजन अधूरा होता है। जहां हर रोज भूख मिटना के लिए रोटी बनाई जाती है वहीं हिंदू धर्म में कुछ दिन ऐसे भी हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि रोटी नहीं बनानी चाहिए। जबकि एकदाशी तिथि वाले दिन अगर आप चावल ना खाकर रोटी खाते हैं तब भी पुण्य मिलता है। लेकिन कुछ दिन ऐसे हैं, जिनमें रोटी बनाना अच्छा नहीं माना गया है। इस अवसर पर रोटी बनाने से अशुभ परिणाम होता है, ऐसी लोकमान्यताएं हैं। आइए जानते हैं किस दिन रोटी नहीं बनानी चाहिए…

1:जब किसी की मृत्यु हो जाती है तब तेरहवीं संस्कार विधि के बाद ही घर में रोटी बनाई जाती है। माना जाता है कि अगर तेरहवीं से पहले घर में रोटी बनाई जाए तो मृत इंसान के सूक्ष्म शरीर पर फफोले पड़ जाते हैं। मृत्यु के बाद जो पिंड चढ़ाया जाता है, उससे मृत व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर तैयार होता है। जिसको आत्मा के साथ यम के दरबार में पहुंचाया जाता है।
2:नागपंचमी के दिन खीर, पूड़ी व हलवा जैसी चीजें बनाने चाहिए। इस दिन तवे पर रोटी नहीं बनाई जाती। बताया जाता है कि तवा नाग के फन का प्रतिरूप होने से सनतान धर्म में तवे को अग्नि पर रखना मनाही है। ऐसा करने से सर्पों को परेशानी होती है और वे क्रोधित होते हैं। इस दिन किसी भी लोह के बर्तन को अग्नि पर नहीं रखना चाहिए और ना ही ग्रहण करना चाहिए।
3:शीतलाष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा होती है। इस दिन ना सिर्फ बासी खाने का भोग लगाया जाता है बल्कि खाया भी जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा करने पर मां आरोग्य होने का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन कई रोटी नहीं बनाई जाती। कहते हैं कि शीतलाष्टमी के रोटी बनाने से शीतला माता नाराज हो जाती हैं, साथ ही त्वाचा रोग होने की आशंका बनी रहती है।
4:कोजागरी को शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि को माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इस दिन माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है और खीर-पूड़ी का भोग लगाया जाता है। रात में खीर पकाकर चंद्रमा की रोशनी में रख देते हैं और सुबह भोग ग्रहण करते हैं। इस दिन मिष्ठान का भोग लगता है इसलिए इस दिन घर में रोटी बनाने को अच्छा नहीं मानते हैं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
मां लक्ष्मी से संबंधित हर त्योहार को घर में रोटी नहीं बनाई जाती।
5:दीपावली लक्ष्मी पूजा का दिन माना गया है, साथ ही इस रात महानिशा की रात भी कहा जाता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस रात ध्यान करना चाहिए। इस दिन घर में पकवान बनाए जाते हैं और मिठाई का भोग लगाया जाता है। घर में इस दिन तवा रखना वर्जित बताया गया है।
6:किसी को माता यानी चेचक हो गया हो तो उस दौरान रोटी नहीं बनाई जाती। विज्ञान में माता को चेचक कहा जाता है लेकिन हिंदू धर्म में इसको शीतला माता का प्रकोप माना जाता है। घर में किसी को चेचक हो जाता है तो उन दिनों रोटी नहीं बनाना चाहिए। कहते हैं इससे पीड़ित व्यक्ति कष्ट और बढ़ जाते हैं और यह रोग जल्दी ठीक नहीं होता है।