झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

हम जनता अज्ञानी साहिब

हम जनता अज्ञानी साहिब
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गढ़ते रोज कहानी साहिब
फिर करते मनमानी साहिब

सभी ज्ञान के स्रोत आप हो
हम जनता अज्ञानी साहिब

भूख, बेबसी के आँसू को
तुम कहते हो पानी साहिब

बनता है इतिहास सभी का
दुनिया आनी जानी साहिब

चढ़ता सूरज ढलता ही है
अब छोड़ो नादानी साहिब

अहंकार में मत इतराओ
बनो नहीं अभिमानी साहिब

तू ताकतवर सभी सुमन को
दे दो प्रेम निशानी साहिब

श्यामल सुमन