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हजारीबाग का आकाश 2021 में जापान के ओलंपिक में लेंगे हिस्सा

देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. यह दिन खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. इसी दिन राष्ट्रीय खेल पुरस्कार भी दिए जाते हैं. आज हम आपको झारखंड के एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 2021 में जापान के टोकियो में होने वाले ओलंपिक गेम्स में शूटिंग की तैयारी में लगे हैं.

हजारीबाग: राष्ट्रीय खेल दिवस आज पूरे देश भर में मनाया जा रहा है. यह दिवस हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद्र सिंह को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं. आज हम आपको एक ऐसे खिलाड़ी से मिलाने जा रहे हैं, जो न सिर्फ अपना दमखम खेल कि दुनिया में दिखाने की तैयारी कर रहा है, बल्कि गांव के एक दर्जन छात्र-छात्राओं को भी ट्रेनिंग दे रहा है
हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड के लुपुंग गांव के आकाश 2021 में जापान के टोकियो में होने वाले ओलंपिक गेम्स में शूटिंग की तैयारी में लगे हैं. वह 10 मीटर और 50 मीटर राइफल शूटिंग इवेंट में भाग लेने वाले हैं. उनका चयन ओलंपिक के लिए इंडियन टीम में हो चुका है. वहीं, आकाश का भाई संदीप नेशनल गेम्स में शूटिंग प्रतियोगिता की तैयारी में लगा है. लॉकडाउन के कारण दोनों भाई अपने घर पर ही 10 मीटर का रेंज बनाकर ओलंपिक और नेशनल में स्वर्ण पदक प्राप्त करने की तैयारी कर रहे हैं. घर में होने के कारण दोनों न केवल अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए खुद को तैयार करने में लगे हैं, बल्कि गांव के करीब एक दर्जन बच्चे-बच्चियों को भी शूटिंग का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.
आकाश और संदीप का मानना है कि प्रशिक्षण देने के कारण न केवल उनकी तैयारी पूरी होती है, बल्कि गांव के युवाओं को भी लाभ मिलता है. आकाश का कहना है कि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले भी प्रतियोगिता में भाग लेकर पदक जीत चुके हैं. इसलिए इस बार उनका लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल प्राप्त करना है. इसके लिए वे अपने स्तर से तैयारी में लगे हैं. उनके कोच दिल्ली के मनोज भी इसकी तैयारी ऑनलाइन करवा रहे हैं. आकाश अपनी प्रेरणा का स्रोत मंत्री और पूर्व शूटिंग खिलाड़ी कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा को मानते हैं.
वहीं, संदीप का मानना है कि बच्चों को प्रशिक्षण देते हुए उनकी भी अच्छी तरह से तैयारी हो रही है. कोरोना के कारण वे घर पर ही बच्चों को भी सिखाने का काम कर रहे हैं. लॉकडाउन समाप्त होते ही जब नेशनल गेम्स होंगे तो उसके लिए वे खुद को तैयार पाएंगे, ताकि पदक जीतकर वे राज्य और जिला का नाम रोशन कर सकें. प्रशिक्षण प्राप्त कर रही शिखा रानी कहती हैं कि शूटिंग से वह अपना लक्ष्य पूरा कर सकती हैं. वह सेना में जाना चाहती हैं और शूटिंग से उन्हें सेना में जाने में काफी लाभ मिलेगा, इसलिए वह शूटिंग का प्रशिक्षण ले रही हैं. गांव के ही युवक राजकुमार कहते हैं कि शूटिंग के माध्यम से न केवल वह सेना में जा सकता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर गांव और जिला की पहचान बनाने में सफल हो सकेगा.
लुपुंग के मुखिया दिलीप रविदास इनके काम से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से गांव के बच्चे-बच्चियां न केवल जिला और राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी गांव का नाम रोशन कर सकेंगी. कहा जाए तो यह वैसे खिलाड़ी हैं, जो सिर्फ अपनी ही प्रतिभा से देश का नाम रोशन नहीं करना चाहते हैं, बल्कि अपने साथ वैसे ही युवाओं की टीम भी तैयार कर रहे हैं, जो आने वाले समय में देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे.