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हाता के माताजी आश्रम अब नये रूप में- सुनील कुमार दे

हाता के माताजी आश्रम अब नये रूप में- सुनील कुमार दे
सन 1938 को भगवान रामकृष्ण देव जी के मंत्र शिष्या महान साधिका श्रीश्री योगेश्वरी आनंदमयी माताजी ने 4.15 एकड़ में स्थित माताजी आश्रम की प्रतिष्ठा की थी।माताजी आश्रम का जमीन दान किया है चाईबासा के अतुलानी हुई,आशुतोष हुई और उनके परिवार ने।उस समय खपड़ा के घर में भगवान रामकृष्ण देव,माँ शारदा देवी और स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिकृति को रखकर योगेश्वरी माँ ने आश्रम की स्थापना की थी और पूजा सेवा प्रारंभ की थी।सन 1958 में योगेश्वरी माँ का देहांत हुआ।1958 से उनकी सन्यासिनी शिष्या रानुमा ने आश्रम की द्वितीय माताजी बनी।रानुमा का देहांत 1985 हुआ।1985 से रानुमा की मंत्र शिष्या सुनीति माँ ने आश्रम की तृतीय माताजी बनी।सुनीति माँ का देहांत 11नवंबर 2018 में हुई।उसके बाद आश्रम का भक्त तपन मंडल ने करीब पांच महीने तक आश्रम का देख रेख और सेवा किया।मार्च 2019 में पंडित सुधांशु मिश्र उनके धर्म पत्नी बकुल मिश्र के साथ आश्रम में रहने लगे और आश्रम का देखरेख और पूजा सेवा करने लगे।
इसी बीच 2020 में अचानक ठाकुर घर गिर गया। आश्रम के ट्रस्टी,कमिटी और भक्तजनों का बैठक बुलाई गई। बैठक में ब्लू स्कोप से मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया लेकिन प्रभु रामकृष्ण की इच्छा दूसरी थी इसलिए भक्तजनों के अंदर मंदिर बनाने की प्रेरणा दी।20 नवंबर 2020 को रामकृष्ण मंदिर की भूमि पूजन हुआ और एक सप्ताह बाद मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो गया।मंदिर के लिए भिच्छाटन का काम भी तेजी से होने लगा। चारों तरफ से सहयोग आने लगा।देखते देखते भगवान रामकृष्ण देव की असीम कृपा से,योगेश्वरी माँ, रानुमा और सुनीति माँ का आशीर्वाद से और दाता दानी तथा भक्तजनों के अपार सहयोग से 25 लाख का भब्य मंदिर दिसम्बर 2021 में अर्थात एक साल के अंदर बनकर तैयार हो गया।यह माताजी आश्रम परिवार के लिए अलौकिक और परम गर्व की बात है।कोरोना काल में और जीरो फण्ड में इतना बड़ा मंदिर बनना केवल प्रभु रामकृष्ण की कृपा से ही संभव है।इस रामकृष्ण मंदिर के लिए हमें 84 साल तक इंतजार करना पड़ा।माताजी आश्रम में रामकृष्ण मंदिर बनने का अर्थ आश्रम का नया कलेवर होना।रामकृष्ण मंदिर के साथ साथ नाट मंदिर, दो स्टोर रूम,दो अतिथि भवन का भी निर्माण किया गया है।इसके अलावे हॉल घर,हरि मंदिर,शिव मंदिर और योगेश्वरी माँ का समाधि मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया गया है।
रामकृष्ण मंदिर की प्रतिष्ठा विगत 14 मार्च 2022 को भव्य आयोजन के साथ धूमधाम से हो गया।मंदिर प्रतिष्ठा के पहले सुधांशु मिश्रा अपने पविवार के साथ अपने नए भवन में चले गए।मंदिर प्रतिष्ठा के बाद 30 मार्च 2022 को चीनू चक्रवर्ती उर्फ चीनू मां आश्रम सेविका के रूप में कार्य भार ली।अभी यही ठाकुर जी की सेवा कर रही है।सब कुछ प्रभु की लीला हैं हमलोग केवल झूठमूठ का चिंता करते हैं।मार्च 2022 से आश्रम की जमीन पर खेती वाड़ी भी शुरू हो गई। चारों तरफ अभी हरी भरी है।उसके कुछ दिनों बाद एक किचेन रूम,स्टोर रूम और दो अतिथि भवन निर्माण का काम भी शुरू हो गया।किचन घर का काम समाप्त है लेकिन बाकी का काम अधूरा है।बर्तमान में फण्ड की कमी है इसलिए इस काम को पूरा करने के लिए भक्तजनों का सहयोग चाहिए। हमें उम्मीद है कि आप सभी भक्तजन इस अधूरा काम को पूरा करने में आश्रम को मदद करेंगे।अभी प्रतिदिन तीन वार ठाकुर जी की पूजा सेवा हो रहा है।प्रतिदिन संध्या आरती,कथामृत पाठ और हरिनाम संकीर्तन हो रहा है।ठाकुर जी की नित्य पूजा सेवा और आश्रम का मेंटेनेंस के लिए भक्त और सदस्यों ने मासिक अनुदान नियमित रूप से दे रहे हैं।मंदिर बना देना बड़ी बात नहीं बल्कि पूजा पाठ,सेवा,साफसफाई आदि भी सही ढंग से होना चाहिए इसके लिए अनुदान और सहयोग की जरूरत है।आश्रम का नए मेम्बर भी किया जा रहा है।इच्छुक भक्त आश्रम के साथ जुड़ सकते हैं।बिगत जुलाई 2022 से जनवरी 2023 तक अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक और सेवा मूलक अनुष्ठान हो गया।अभी 26 फरवरी 2023 से 1 मार्च 2023 तक भगवान रामकृष्ण देव की 187 वीं जयंती सह माताजी आश्रम का 85 वां बार्षिक उत्सव होनेवाला है जिसकी तैयारी चल रही है