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गुजरात के सीने में झारखंड का दिल! ब्रेन डेड के बाद परिवार ने दान किया अंग, युवक को मिली नई जिंदगी

गुजरात के सीने में झारखंड का दिल! ब्रेन डेड के बाद परिवार ने दान किया अंग, युवक को मिली नई जिंदगी

झारखंड के रहने वाले एक युवक का ब्रेन डेड हो गया. वह गुजरात में ओएनजीसी कंपनी में काम करता था. इसके बाद परिवार के लोगों ने अंगदान का फैसला किया. इससे एक युवक की जिंदगी बच गई. हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद उसकी स्थिति अब ठीक है.
अहमदाबाद: झारखंड के एक परिवार ने मुश्किल घड़ी में बड़ा कदम उठाया है और इससे सभी को सीखने की जरूरत है. दरअसल, एक युवक के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद परिवार के लोगों ने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अंगदान का निर्णय लिया. परिवार के इस निर्णय से चार लोगों की जिंदगी बचेगी.
दरअसल, झारखंड के रहने वाले शैलेश हरिहर सिंह ओनजीसी में सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत थे. वह मूल रूप से झारखंड के रहने वाले थे. नौ जुलाई की दोपहर अपनी नौकरी पूरी करके बाइक से घर लौट रहे थे. इसी दौरान एक गाड़ी ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और वह बेहोश हो गए थे. उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका इलाज चल रहा था. पन्द्रह जुलाई को सीटी स्कैन में सामने आया कि उनका ब्रेन हेमरेज हुआ है और डॉक्टरों की एक टीम ने शैलेश सिंह को ब्रेन डेड घोषित कर दिया ब्रेन डेड घोषित होने के बाद परिवार के लोगों ने शैलेश के अंगदान की इच्छा जताई. एनजीओ की टीम अस्पताल पहुंचकर शैलेश के परिवार को अंगदान के महत्व और पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया. शैलेश की पत्नी और भाइयों ने कहा कि वे ब्रेन डेड हैं और उनकी मौत निश्चित है. शरीर जलकर राख हो जाएगा. अंगदान से दूसरों को नई जिंदगी मिल सकती है.
शैलेश के अंग से अहमदाबाद से एक युवक को नई जिंदगी मिल गई. जामखंभालिया के युवक का इलाज अहमदाबाद के निजी अस्पताल में चल रहा था. अंतर 285 किलोमीटर का था. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और 80 मिनट के अंदर दूरी तय की गई. इसके बाद युवक का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. युवक पिछले दो सालों से ह्रदय रोग से पीड़ित था. उसका हार्ट बीट लगातार कम हो रहा था. अब युवक की स्थिति ठीक है.