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ग्रामसभा की अवमानना एवं दिऊरियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना ग्रामीण को पड़ा भारी

ग्रामसभा की अवमानना एवं दिऊरियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना ग्रामीण को पड़ा भारी

सिंहभूम चाईबासा- दिऊरी जो आदिवासी हो समुदाय के धार्मिक पुजारी होते हैं, उसके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना और ग्रामसभा की अवमानना करना एक ग्रामीण को बहुत भारी पड़ गया है. ग्रामसभा ने इसे गंभीरता से लेते हुए उक्त ग्रामीण को पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड देने की सजा सुना दी है. यह मामला सदर प्रखंड के बरकुंडिया गांव का है.
आज गांव में इस संबंध में ग्रामसभा की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता प्रभारी ग्राम मुंडा हाड़ो बुड़ीउली ने की. दिऊरियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपी गांव के ही जम्बीरा बुड़ीउली (47) उर्फ डिब्सी को इस बैठक में पेश किया गया. उन पर आरोप था कि उसने ग्रामीण दिऊरी एवं कुंडम दिऊरियों की परंपरागत पूजा विधि के खिलाफ सार्वजनिक रूप से गांव में अपमानजनक टिप्पणी की थी. ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि वह ग्रामसभा की अवमानना भी करता है. तत्पश्चात सुनवाई के दौरान ग्रामसभा में आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया और जुर्माने की राशि भरने की हामी भी भर दी.
ग्रामीणों ने कहा कि दिऊरी हो समुदाय में वह धार्मिक प्रमुख होते हैं जो धार्मिक अनुष्ठानों को न केवल संपन्न करते हैं. बल्कि सामाजिक रीति-रिवाजों एवं परंपराओं के संरक्षक और मार्गदर्शक भी होते हैं. ऐसे में उनका अपमान अक्षम्य है. लिहाजा इसको सजा दी ही जानी चाहिये. फिर ग्राम मुंडा ने सजा का घोषणा कर दिया. जुर्माने की राशि नहीं चुकाने की स्थिति में पुलिस के हवाले करने का भी निर्णय लिया गया. ग्रामीणों ने कहा कि आरोपी इसके पहले भी ग्रामसभा में दंडित हो चुका है. तब वह पूजास्थल देशाऊली की जमीन के आंशिक अतिक्रमण का दोषी पाया गया था.
बैठक में दिऊरी सतीश बुड़ीउली, सचिव सुरेंद्र बुड़ीउली, बिरसिंह बिरूली, जयकिशन बुड़ीउली, गुलिया कुदादा, गोसा बुड़ीउली, कृष्णा बुड़ीउली, श्याम कुदादा, साधु चरण बुड़ीउली, विजय बुड़ीउली, सिदियु बुड़ीउली, बेंजामिन, रेमो, विकास, रमाय बुड़ीउली, डाकुवा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.