झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

गढ़वा थाना बना रणक्षेत्र

गढ़वा में पुलिस पदाधिकारी और पुलिस जवान आपस में भीड़े. एसपी के आदेश पर डीएसपी मुख्यालय दिलीप खलखो ने मामले की जांच शुरू.की

गढ़वा: समाज में शांति स्थापित करने का महान दायित्व का निर्वहन करने वाले पुलिस पदाधिकारी और पुलिस के जवान ही आपस में भिड़ गए. देखते ही देखते गढ़वा थाना रणक्षेत्र में बदल गया. पदाधिकारी और जवान एक-दूसरे के खिलाफ कट्टर दुश्मन की तरह व्यवहार कर रहे थे.
जानकारी के अनुसार, सिविल ड्रेस में रमेश उरांव नाम के सिपाही शराब के नशे में थाना पहुंचा था. वह ठीक से कुछ बोल भी नहीं पा रहा था. ओडी ऑफिसर कमलेश ने उसे डांटकर बेंच पर बैठाया. कुछ समय बाद एसआई स्वामी रंजन ओझा थाना में प्रवेश कर रहे थे. जबकि सिपाही थाना से बाहर जा रहा था. उसी वक्त ओडी ऑफिसर ने सिपाही को कहा कि कहां भाग रहे हैं. यह सुन एसआई स्वामी रंजन ओझा ने सिपाही को पकड़ लिया और उसे थाना लाने का प्रयास करने लगे.
इस दौरान सिपाही ने उन्हें घुसा मार दिया. स्वामी रंजन ओझा ने भी उसे एक थप्पड़ मारकर बेंच पर बैठा दिया. उस समय तक स्वामी रंजन ओझा और कमलेश को यह पता ही नहीं था कि उमेश उरांव सिपाही हैं. इस घटना के बाद कुछ सिपाहियों ने कहा कि इसे छोड़ दीजिए यह सिपाही है. इसके बाद मामला शांत हुआ
इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मेंस एसोशियशन के लोग दलबल के साथ थाना पहुंच गए और एसआई स्वामी रंजन ओझा की पिटाई कर दी. इस घटना के बाद पुलिस पदाधिकारी और पुलिस के जवान आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर तन गए. पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. मेंस एसोशियेशन के अध्यक्ष रवि कुमार अपने सहयोगियों के साथ इस मामले में दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर करने, थाना प्रभारी का स्थानांतर करने की मांग को लेकर थाना में अड़े हुए थे. मेंस एसोसिएशन के लोग सिपाही रमेश को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए. सिपाही उमेश ने कहा कि बड़ा बाबू और एसआई स्वामी रंजन ओझा ने पिटाई की थी, उसे रस्सी में बांधकर रखा था.
इधर, एसपी के आदेश पर डीएसपी मुख्यालय दिलीप खलखो थाना पहुंचकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है. सार्जेंट मेजर आनंद राज खलखो ने कहा कि मारपीट की घटना की जानकारी मिली है. यह पुलिस का इंटरनल मामला है, इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही सही जानकारी सामने आएगी.