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फूलों की खेती कर आत्मनिर्भर हुए किसान धनंजय महतो की कहानी

बोड़ाम प्रखंड के कुईयानी पंचायत अंतर्गत मुचिडीह गांव के रहने वाले धनंजय महतो एक प्रगतिशील किसान हैं। श्री महतो अन्य कृषकों की तरह कुछ वर्षों पूर्व 2014-15 तक पारंपरिक खेती ही किया करते थे लेकिन आत्मा-कृषि विभाग के द्वारा अपने गांव से कृषक मित्र के रूप में चयनित होने के पश्चात कृषि एवं कृषि तकनीकी की नवीनतम जानकारी से अवगत हुए जिसके बाद इन्होंने खेती-किसानी को रोजगार का साधन बनाते हुए कुछ नया करना शुरू किया। आज श्री महतो फूलों की खेती कर आत्मनिर्भर कृषक के रूप में अपने क्षेत्र में जाने जाते है।

कृषक मित्र के रूप में कार्य करते हुए धनंजय महतो अपने साथ-साथ गांव के अन्य किसानों को भी आत्मा के द्वारा संपन्न होने वाले कृषक गोष्ठी, प्रशिक्षण एवं परिभ्रमण आदि में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। इस दौरान आत्मा के अन्तर्राजकीय परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र गए जहां जैन इरीगेशन कम्पनी के फसल प्रक्षेत्र, संयत्र का भ्रमण किया। कम पानी में सूक्ष्म सिंचाई पद्यति से खेती-बारी की विधि को जाना जिसके बाद अपने खेतों में ये मल्चिंग विधि से सब्जी एवं फूलों की खेती करने लगे जिससे आमदनी में काफी बढ़ोत्तरी हुई।

फूलों की खेती के नवीनतम तकनीक तथा मल्चिंग विधि के बारे में जानकारी प्राप्त कर धनंजय महतो ने कोलकाता से अच्छी किस्म के फूलों का चारा लेकर नर्सरी तैयार किया, इससे लागत में कमी के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी के गेंदा फूल का उत्पादन कर रहे हैं। धनंजय महतो को खेती किसानी के कार्य में अपने परिवार का भी सहयोग मिलता है, कोड़ाई, रोपाई तथा तोड़ाई के समय अत्यधिक फूल उत्पादन होने पर 4-5 मजदूरों को काम पर लगाते हैं। ड्रीप इरीगेशन के द्वारा सिंचाई से कम पानी एवं कम लागत में 1 एकड़ जमीन में 150-170 किलोग्राम फूल का उत्पादन होता है जिसका प्रति सप्ताह तोड़ाई करते हैं। श्री महतो बताते हैं कि प्रति किलोग्राम 55-60 रू0 का दाम मिलता है वहीं माला 10-15 रू0 की दर से बेचते हैं। अपने प्रखण्ड बोड़ाम से 25 किलोमीटर दूर जमशेदपुर शहर में थोक फूल भेजते हैं उधर पश्चिम बंगाल के शहरों में भी गेंदा फूल का व्यापार करते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हुआ है। फूलों की खेती में आमदनी देखकर धंनजय महतो अपने आस-पास के अन्य कृषकों का भी जमीन लीज पर लेकर वृहत पैमाने पर गेंदा फूल की खेती करना चाहते हैं।