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फिर रुलाएंगे आलू और प्याज

जमशेदपुर : उत्तर प्रदेश में आलू की फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई और झारखंड में आलू की फसल नहीं के बराबर हुई है। ऐसे में बंगाल के आलू पर पूरा झारखंड निर्भर हो गया है। इस निर्भरता के कारण आलू की कीमतों में लगातार इजाफा हो रही है। आलू 16 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 30 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। थोक व्यापारियों की माने तो लॉकडाउन की अवधि में सरकार ने कई हाट बाजार बंद कर दिए हैं। इसके कारण आलू की खपत पर लगाम लगी है। अगर झारखंड के हाट बाजार खुले होते तो आलू की कीमत 50 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच सकती थी। फिलहाल आलू थोक बाजार में 2520 रुपये में एक क्विटल बिक रहा है, जबकि खुदरा बाजार में यही आलू तीन हजार प्रति क्विटल के हिसाब से बेचा जा रहा है।

कोरोना संक्रमण के कारण नासिक मंडी में नहीं मिल रहे मजदूर

गोदाम में संग्रहित प्याज को हरेक दिन उलटना-पलटना पड़ता है, ताकि वह सड़ न जाए। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण नासिक मंडी में मजदूर नहीं पहुंच पा रहे हैं। मजदूरों को पंचायत के मुखिया मजदूरी करने के लिए जाने से रोक रहे हैं। उन्हें डर है कि मजदूरों के मंडी में जाने से गांव में संक्रमण फैल सकता है। इसके कारण मंडी में रखे प्याज के स्टॉक को चाल से उलट पलट करने में परेशानी हो रही है और एक ही दिशा में प्याज पड़े होने के कारण उसे हवा नहीं लग रहा है और प्याज सड़ रहा है। नासिक के थोक मंडी के स्टाक में रखे करीब 45 फीसद प्याज सड़ गया है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में उछाल की संभावना है। 15 अगस्त तक झारखंड की मंडियों में दक्षिण भारत के गुडूम, करनूल व हैदराबाद के प्याज आ जाते थे। लेकिन यहां भी बारिश के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो चुकी है। जो प्याज बचे हैं वह प्याज झारखंड तक पहुंचते-पहुंचते पूरी तरह से खराब हो जाएंगे। इसलिए स्थानीय व्यापारी यहां से प्याज नहीं मंगा रहे हैं। आलू-प्याज के थोक व्यापारी विद्या शंकर गुप्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में उछाल आ सकता है।

नया आलू आने के बाद कीमतों में आएगी कमी

अगस्त के अंत तक नया आलू बाजार में आ जाता था लेकिन इस बार फसल बर्बाद हो चुकी है। अब नया आलू की नई फसल के तैयार होने बाद करीब डेढ़ से दो माह के बाद ही बाजार तक पहुंचेगा। तब तक बंगाल के आलू पर ही निर्भरता रहेगी।