जनता ही चुनती है शासक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
जाना है फिर बन के याचक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
काम धाम को छोड़, सड़क पर,
बेबस लोग उतरते जब
शासक नहीं सुने तो घातक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
अहंकार में जो भी डूबा,
शासन उसका अंत हुआ
लिखा हुआ इतिहास में झकझक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
प्रजा बनाना चाहे शासन,
बोध-नागरिक जगने पर
जनमत का तू बनो उपासक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
रावण, कंस बहुत ताकतवर,
उसका हाल सभी जाने
केवल राजा नहीं है शावक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
लोक भावना के आगे तो,
हर शासन झुकता प्यारे
समाधान जब कुशल हो वाचक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
अभी समय है सुनो सुमन की,
बन के स्वाति बूँद गिरो
लोग-बाग बन के हैं चातक,
फिर पब्लिक से पंगा क्यूँ?
श्यामल सुमन
सम्बंधित समाचार
फूलो झानो योजना से जुड़कर शुक्रमानी की जिंदगी मे आया बदलाव सफलता की कहानी…..शुक्रमानी की जुबानी
उपायुक्त के अध्यक्षता में राजस्व एवं आंतरिक संसाधन से संबंधित समीक्षा बैठक संपन्न लंबित आवेदन का नियमानुसार निष्पादन सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश
उपायुक्त के अध्यक्षता मे आपूर्ति विभाग एवं धान अधिप्राप्ति केंद्र से संबंधित बैठक सम्पन्न प्राप्त आवंटन के आलोक मे शत प्रतिशत राशन वितरण सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश