झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

फिर मानव में क्यों विभेद है?

फिर मानव में क्यों विभेद है?
**********************
मूल धरम का जहाँ वेद है
फिर मानव में क्यों विभेद है

जब कलियाँ ही कुचलीं जातीं
आँखें भी नम, हृदय खेद है

बने तमाशाई हम कैसे
खून हमारा क्या सफेद है

निज स्वारथ से संविधान में
हर शासक ने किया छेद है

चाल सियासी समझो प्यारे
सुमन, सु-मन में कहाँ भेद है

श्यामल सुमन