रांची। पावर ग्रिड सब स्टेशन और संचरण लाइन के उद्घाटन से सबसे अधिक राहत गढ़वा जिला को मिलेगी. राज्य गठन के बीस साल बाद भी लोग यहां बिजली के लिए तरसते थे. महज दो से चार घंटे ही बिजली इस क्षेत्र को मिलती थी. वो भी यूपी-बिहार के भरोसे. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वे मंगलवार को पांच ग्रिड सब स्टेशन और एक संचरण लाइन के ऑनलाइन उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
पहुंचाने की कोशिश की गयी थी. जिसके बाद अब यह परियोजनाएं पूरी हुईं, जो सौभाग्य का विषय है. गढ़वा, पलामू, दुमका और देवघर जैसे जिलों में इस ग्रिड सब स्टेशनों के उद्घाटन से काफी राहत मिलेगी.
उन्होंने कहा कि देवघर में एयरपोर्ट बनने का काम लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही एम्स का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे काफी राहत मिलेगी. इन क्षेत्रों में उद्योगों और व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा. छह योजनाओं की कुल लागत 616 करोड़ रुपये है.
डीवीसी पर निर्भरता हुई कम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ जिले पूरी तरह से डीवीसी पर निर्भर हैं. जिससे अब कुछ हद तक राहत मिलेगी. डीवीसी एक कर्मिशयल कंपनी है. जो लाभ के लिए काम करती है. ऐसे में इसके अधिकांश उपभोक्ता सिर्फ उद्योग और व्यवसायी हैं. संपन्न लोगों को ही डीवीसी बिजली देता है. ग्रामीण और किसान इसके उपभोक्ता बहुत कम ही थे. ऐसे में अब डीवीसी पर निर्भरता कम हुई है. देवघर, सरिया, जमुआ जैसी जगहों में अब राज्य सरकार की अपनी बिजली मिलेगी. यह सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जन भावना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने काम किया है.
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