जमशेदपुर। वर्ष 1919 में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद की गंभीर वित्तीय कठिनाइयों में जकड़े टिस्को को संकट से उबारने के लिए बेशकीमती हीरे के साथ-साथ सर दोराबजी टाटा और उनकी पत्नी ने अपनी पूरी निजी संपत्ति गिरवी रख दी थी। इसी दंपती के सम्मान में टाटा समूह ने शनिवार को दोराबजी टाटा पार्क में प्रसिद्ध वास्तुकार नूरू करीम द्वारा डिजाइन डायमंड स्ट्रक्चर और पवेलियन जमशेदपुर की जनता को समर्पित किया।2.5 एकड़ जमीन में फैले सर दोराबजी टाटा पार्क की रजत जयंती और लेडी मेहरबाई टाटा की जयंती पर टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने पट्टिका का अनावरण और हीरे की संरचना एवं पवेलियन को रोशन कर इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर रुचि नरेंद्रन ने लेडी मेहरबाई टाटा की प्रतिमा का अनावरण किया। छोटे से समारोह में कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और अन्य अतिथियों के साथ यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद आदि शामिल हुए। कोविड-19 के मद्देनजर कर्मचारियों सहित अन्य सभी आमंत्रित लोग वेबकास्ट पर इस आयोजन में शामिल हुए। इस अवसर पर टीवी नरेंद्रन ने कहा कि यह मुझे टाटा समूह की विरासत का हिस्सा होने का गर्व देता है। यह मजबूत मूल्यों और अनुकरणीय नेतृत्व पर स्थापित है। 100 साल बाद भी हम अपने लोकाचार को मजबूती से पकड़े हुए हैं और जिम्मेदार व समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। सर दोराबजी टाटा और लेडी मेहरबाई टाटा इन मान्यताओं के प्रतीक हैं। दोनों उत्साही नेतृत्वकर्ता और भावुक व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारी साझा विरासत में बड़ा योगदान दिया। यह पार्क उनके लिए एक श्रद्धांजलि है और जमशेदपुर शहर के लिए टाटा स्टील की प्रतिबद्धता का प्रतीक।पार्क की विशेषताप्रसिद्ध वास्तुकार नूरू करीम द्वारा डिजाइन डायमंड स्ट्रक्चर और पवेलियन सर दोराबजी टाटा पार्क के समग्र रीडिजाइन का अभिन्न अंग है। पार्क के पश्चिमी छोर पर स्थित जुबली डायमंड के कालातीत लालित्व को कैप्चर करते हुए पवेलियन अपने टिकाऊ और सामंजस्यपूर्ण डिजाइन का अहसास देता है। 16/12 मीटर में फैली इस संरचना का एक जटिल जाल बनाने के लिए टाटा स्ट्रक्च्यूरा के खोखले ट्यूबलर स्टील सेक्शन का उपयोग किया गया है। 45 मीट्रिक टन वजनी संरचना लौकिक हीरे की नोक पर टिकी है, जो आकाश से मिलने के लिए जमीन से ऊपर की ओर उन्मुख है। यह कलाकृति पिछले 100 वर्षों में टाटा स्टील द्वारा बनवाई गई देश की कुछ प्रमुख कृतियों – कोलकाता का हावड़ा ब्रिज, बेंगलुरू का द बटरफ्लाई पार्क, बांद्रा-वर्ली सी लिंक मुंबई, ओवल मैदान में पुरस्कार विजेता स्टील की मूर्तिकला गांधी का चरखा और भुवनेश्वर के बीजू पटनायक पार्क में द रथ आदि में शुमार है।
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