झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

चास नगर निगम क्षेत्र से बाहर हुआ पार्क का निर्माण, नियमों की अनदेखी का आरोप

बोकारो में चास नगर निगम क्षेत्र से बाहर अमृत पार्क फेज पांच के निर्माण को लेकर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाए जाने का मामला सामने आया है. समाजसेवी और पूर्व पार्षद प्रतिनिधि मनोज सिंह ने कहा कि सारे नियम को ताक पर रखकर करोड़ों रुपए की लागत से पार्क बनाया गया है.

बोकारो: चास नगर निगम के अधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के विपरीत चास नगर निगम क्षेत्र से बाहर अमृत पार्क फेज पांच का निर्माण करवा दिया है. इस पार्क के निर्माण कार्य की राशि एक करोड़ 56 लाख रुपए बतायी जा रही है.
इस मामले को लेकर अभी तक नगर विकास विभाग के किसी भी वरीय पदाधिकारी ने संज्ञान तक लेना उचित नहीं समझा है. केंद्र सरकार ने नगर निगम क्षेत्र के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अमृत योजना के तहत पार्क निर्माण के लिए राशि आवंटित की थी. इसके तहत चास नगर निगम को भी निगम क्षेत्र में पांच अमृत पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी. चास नगर निगम क्षेत्र में चार पार्कों का निर्माण कर दिया गया है, लेकिन पांचवें पार्क का निर्माण नगर निगम क्षेत्र में ना करके उसे बोकारो स्टील क्षेत्र में बिना किसी प्रशासनिक स्वीकृति के करा दिया गया है. वहीं, जब इस मामले में अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा से पूछा गया तो इन्होंने तर्कसंगत जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि निगम के बाहर वैसे स्थान पर पार्क का निर्माण किया गया है, जहां निगम की तरफ से कचरे का डंप किया जाता था. उन्होंने इस निर्माण कार्य को सही करार दिया, लेकिन जब उनसे नियमों की बात की गई तो वह टालमटोल करते हुए जानकारी नहीं होने की बात कह डाली.
वहीं, इस मामले में समाजसेवी और पूर्व पार्षद प्रतिनिधि मनोज सिंह ने कहा कि नगर निगम की तरफ से नियमों की अवहेलना करते हुए पार्क का निर्माण निगम क्षेत्र से बाहर बिना किसी बोर्ड के फैसले के कराया गया है. उन्होंने निगम के अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है.
इस मामले में चास नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर अविनाश कुमार ने बताया कि बिना किसी नियमों के नगर विकास से दिशा-निर्देश लिए बिना पार्क का निर्माण निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है, जो नियम संगत नहीं है और पूरी तरीके से गलत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है नगर विकास विभाग की तरफ से भारत सरकार के दिशा निर्देशों में ही पार्क का निर्माण नगर निगम क्षेत्र के अंदर ही कराया जाना था, लेकिन बोर्ड की अनुमति के बिना पार्क निर्माण के कार्य को वर्ष 2019 में निगम के अधिकारी की ओर से स्वीकृत कर इसकी निविदा निकाल कर कार्य आवंटित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अपर नगर आयुक्त ने जो तर्क दिया है कि कचरा फेंके जाने के कारण वहां पार्क का निर्माण कराया गया, तो चास नगर निगम क्षेत्र में कई ऐसे जगह है जहां कचरा फेंका जा रहा था, तो उन जगहों पर पार्क का निर्माण क्यों नहीं किया गया. इस प्रकार से इस पार्क के निर्माण में नियमों की अनदेखी कर काम किया गया है. ऐसे में अब नगर विकास विभाग को इस पर संज्ञान लेते हुए नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की जरूरत है.