जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर कॉफी टेबल बुक “देश के 105 विशिष्ट जनजातीय व्यक्तित्व”…
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कैसे बिटिया लाज बचाए? ******************** हम बैठे हैं आँख बिछाए, आओ माँ महिषासुर भी घात…
फिर मानव में क्यों विभेद है? ********************** मूल धरम का जहाँ वेद है फिर मानव…
खुद का घर मंदिर बने ***************** अलग अलग इन्सान सा, भगवानों के रूप। सरदी, गरमी…
दोनों ही वरदान मिला है ****************** मान मिला अपमान मिला है दोनों ही वरदान मिला…
दाग तेरे दस्ताने में ************** आस लगाकर परिजन बैठे, नित जिनके सिरहाने में लेकिन सब…
बिना मुस्कान के कैसा इन्सान? *********************** हमारी मुस्कान ही हमें मुकम्मल इन्सान बनाती है। इन्सान…
प्रकाश पर्व ********* प्रकाश पर्व! प्रकाश पर्व!! हाल जन का देखकर, नारों में लपेटकर। तुम…
है जारी अबतक ठसक तुम्हारी *********************** उम्मीद से ही तुझे बिठाया, किया प्रभावित चमक तुम्हारी।…
लिखते ही कवि मर जाता है ********************* प्राण, शब्द में भर जाता है लिखते ही…
यह विकास की मँहगाई है ******************** उसने जो भी नहीं किया वो, बता रहे हैं…
खुद को खुद पहचानना ****************** मूल भाव त्योहार के, सुखी रहे जन सर्व। पूजन, रीति…
भैंसे भी अब बीन बजाते ******************** व्यर्थ यहाँ क्यों बिगुल बजाते, यह मुर्दों की बस्ती…
स्थायी विपक्ष *********** “राग-दरबारी” मैं नहीं जानता और न ही कभी गाता हूँ। इसीलिए किसी…
गाँव अंधों का हो आईना बेचना ************************ काम कितना कठिन है जरा सोचना। गाँव अंधों…
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि ***************** प्रायः हम सभी, मौत से डरते हैं और यह भी सच…
कैसे बिटिया लाज बचाए? ******************** हम बैठे हैं आँख बिछाए, आओ माँ महिषासुर भी घात…
नित बौद्धिक उत्थान चाहिए ( *नवम् सिद्धिदात्री च* ) ********************* तनिक नहीं अभिमान चाहिए कदम…
कविता ही भगवान मुसाफिर ********************* इक दूजे को ज्ञान मुसाफिर लेकिन प्रश्न समान मुसाफिर बिनु…
ये सत्ता हो गयी बहरी ***************** कोई सुनता नहीं मेरी, तो गाकर फिर सुनाऊँ क्या?…
फिर क्यों इतनी मारामारी? ******************** गीत विरह के कोई गाता, कोई गीत मिलन के। छोड़…
फिर काहे को खटपट करना ********************* जो करना है, झटपट करना मगर नहीं कुछ अटपट…
उलटा लिख या सीधा लिख ********************* लोगों के सपनों को लिख कम लिखना या ज्यादा…