देवघर जिले में बाबा मंदिर में पूर्व के ही नियमों को बरकरार रहने को लेकर पंडा व्यवसाय की उम्मीद पर पानी फिर गया है. सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं किया गया है सरकार के निर्देश के बाद से गुरुवार से सभी धार्मिक स्थल को खोल दिया गया है, लेकिन देवघर के बाबा मंदिर पिछले 27 अगस्त से ही सीमित संख्या में स्थानीय के लिए खोला जा चुका है. ऐसे में बाबा मंदिर पर आश्रित लोगों को जो राहत की उम्मीद थी उस पर पानी फिर गया है. राज्य सरकार के निर्णय से नाराज तीर्थ पुरोहित हो या फिर स्थानीय दुकानदार सरकार से सभी अन्य प्रदेशों के लिए खोलने का निवेदन कर रहे हैं.
कोरोन काल के शुरू से ही बाबा मंदिर पर आश्रित लोगों का आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन विकट होती जा रही है. बाबा मंदिर में फिलहाल प्रतिदिन सुबह छह से दस बजे तक दो सौ की संख्या में ई-पास के माध्यम से दर्शन पूजा हो रही है. तीर्थ पुरोहित की माने तो यहां स्पर्श पूजा का महत्व है, लेकिन कोरोना को देखते हुए यहां अर्घा के माध्यम से पूजा अर्चना हो रही है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या दो सौ भी नहीं पहुंच रही है.
मंदिर पर आश्रित लोगों की तरफ से सुबह से शाम चार बजे तक खोलने की मांग की जा रही है. इन लोगों को आज से उम्मीद थी की बाबा मंदिर सभी के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. अफवाह में दूसरे राज्य के लोगों को आने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.
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