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बोकारो में अंग्रेजों के जमाने के स्कूल पर बुरी नजर, जमीन का किया जा रहा अतिक्रमण

बोकारो में अंग्रेजों के जमाने के स्कूल पर बुरी नजर, जमीन का किया जा रहा अतिक्रमण
बोकारो के चास स्थित रामरुद्र प्लस-टू स्कूल को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुना गया है. लेकिन अंग्रेजों के जमाने का यह स्कूल आज अतिक्रमण की समस्या से जुझ रहा है. इसे लेकर कई बार आवाज उठी है, लेकिन वह अब तक सुन कर भी अनसुनी कर दी गई है
बोकारोः जिले के चास स्थित सबसे पुराने स्कूल रामरूद्र प्लस-टू उच्च विद्यालय की जमीन का अतिक्रमण सरकारी विभाग के अलावे आस पास के लोगों द्वारा कर लिया गया है. इसको लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक के द्वारा कई बार पत्र लिखा गया है. इसको देखते हुए चास अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा जांच के लिए चास अंचलाधिकारी को जमीन मापी कर अतिक्रमणकारियों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है
चास अंचलाधिकारी दिलीप कुमार के द्वारा जमीन की मापी भी कर दी गई है. लेकिन मापी की रिपोर्ट अभी तक एसडीओ को नहीं मिली है. इसके पूर्व भी अतिक्रमण की शिकायत पर मापी की गई थी. कुछ लोगों को नोटिस भी दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अतिक्रमण आज भी बरकरार है. चास के अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत की मानें तो जल्द अतिक्रमणकारियों की सूची मिलने के बाद कार्रवाई भी की जाएगी.

अंग्रेजों के जमाने में यह स्कूल अंग्रेजी सेना की छावनी थी और गोदाम भी. आज भी उस समय का बना भवन मौजूद है. वर्तमान में लगभग 12 एकड़ जमीन उपलब्ध है. जिस पर स्कूल के जमीन पर भवन का निर्माण कर दिया गया है. वहीं काफी जमीन अभी भी खाली है. पूर्व में स्कूल की भूमि पर नगर निगम के द्वारा भी दुकान बना दिया गया था. जिसका भाड़ा नगर निगम की ओर से वसूला जाता है. दुकानों से भाड़ा वसूली के लिए तत्कालीन डीसी मुकेश कुमार और एसडीओ शशि प्रकाश सिंह ने पहल शुरू की थी, लेकिन उनका स्थानांतरण होने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
विद्यालय के शिक्षक आज भी जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि इस विद्यालय को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चयनित किया गया है. यहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी. स्कूल को सीबीएसई से मान्यता भी मिल चुकी है।