रैयतों ने टंडवा थाना में एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ आवेदन देकर गैर-कानूनी तरीके से घरों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए भू-रैयतों ने न्याय की गुहार लगाई है. रैयतों का आरोप है कि एनटीपीसी प्रबंधन के कार्यकारी निदेशक के इशारे पर बगैर पूर्व सूचना रैयती भूमि पर बने भू-रैयतों के 10 मकानों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया.
चतरा: टंडवा प्रखंड में एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से अधिग्रहित क्षेत्र से बाहर रैयती भूमि पर बने भू-रैयतों के घरों पर बुलडोजर चलाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. प्रबंधन के कार्यों से नाराज रैयत आर-पार के मूड में आ गए हैं. रैयतों ने टंडवा थाना में एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ आवेदन देकर गैर-कानूनी तरीके से घरों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है. रैयतों का आरोप है कि एनटीपीसी प्रबंधन के कार्यकारी निदेशक के इशारे पर बगैर पूर्व सूचना रैयती भूमि पर बने भू-रैयतों के 10 मकानों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया.
रैयतों ने यह भी आरोप लगाया है कि टंडवा अंचल अधिकारी अनूप कश्यप के द्वारा स्थल जांच में 10 रैयतों के बने घरों को एनटीपीसी के अधिग्रहित भूमि से बाहर बताया गया था. उसके बावजूद गैर कानूनी तरीके से घरों पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया गया. रैयतों ने कहा है कि अपने अधिकारों के लिए उन्हें जिस स्तर तक लड़ाई लड़नी होगी वे लड़ेंगे. दरअसल, एनटीपीसी ने राहम गांव में अधिग्रहित भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए बगैर पूर्व सूचना दर्जनों घरों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया. इस दौरान 10 ऐसे घरों को भी तोड़ दिया गया जो अधिग्रहित क्षेत्र से बाहर रैयती भूमि पर बने थे. इधर इस पूरे मामले पर चतरा डीसी दिव्यांशु झा ने जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है.
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