झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

भाजपा ने की झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश को निरस्त करने की मांग, राज्यपाल को लिखा पत्र

राज्य सरकार ने संक्रामक रोगों के प्रसार एवं संक्रमण को रोकने के लिए ‘झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश 2020’ को पास कर दिया है. वहीं भाजपा ने इस पर सवाल खड़े करते हुए इस अध्यादेश को निरस्त करने की मांग की है.
रांचीः राज्य सरकार सरकार द्वारा पारित किए गए झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश, 2020 को निरस्त करने के लिए बीजेपी ने राज्यपाल से गुहार लगाई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को राज्यपाल से इस अध्यादेश को निरस्त करने के लिए अनुरोध किया. शनिवार को राज्यपाल को भेजे गए पत्र में दोनों नेताओं ने कहा कि मास्क नहीं लगाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना या 2 साल से सजा संबंधित अध्यादेश जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता एक तरफ कोरोना संक्रमण से परेशान है, वहीं दूसरी
तरफ अध्यादेश उनकी परेशानियों को और अधिक बढ़ाने वाला है.
दोनों नेताओं ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बाहर से लौटे हैं. उनके सामने भरण पोषण और रोजगार की समस्या भी है. उन्होंने कहा कि ऐसे मजदूरों की मजबूरियों का फायदा उठाने के लिए प्रदेश में नक्सली संगठन भी सक्रिय है. ऐसे संगठन इन्हें पैसे का प्रलोभन देकर खुद से जोड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को समुचित इलाज की व्यवस्था पर जोर देना चाहिए न कि अंग्रेजी हुकूमत की तरह कठोर कानून बनाकर लोगों को परेशान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है.
दोनों नेताओं ने कहा कि इससे बेहतर होता कि राज्य सरकार मास्क के लिए दबाव न बनाकर खुद से बनाए हुए फेस कवर अथवा गमछा, तौलिया, रुमाल से चेहरे को ढक कर बाहर निकलने के लिए प्रेरित करती. दोनों नेताओं द्वारा लिखा गया पत्र गवर्नर को ईमेल से भेजा गया है.
दरअसल, बुधवार को राज्य सरकार ने यह अध्यादेश पारित किया है. इस अध्यादेश के प्रावधान के अनुसार मास्क नहीं लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं करने समेत अन्य नियमों के उल्लंघन करने पर अधिकतम 1 लाख रुपये तक के अर्थदंड और 2 साल तक की अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है.