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बीएयू उद्यान प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन, उद्यान पदाधिकारियों को लाभुकों से जुड़े रहने की जरूरत

बीएयू उद्यान प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन, उद्यान पदाधिकारियों को लाभुकों से जुड़े रहने की जरूरत

रांची में बीएयू उद्यान प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ. जहां डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ. जगरनाथ उरांव ने जिला स्तर पर केवीके वैज्ञानिकों के तकनीकी मार्गदर्शन में कार्यक्रम चलाए जाने पर जोर दिया. वहीं उद्यान पदाधिकारियों को लाभुकों से जुड़े रहने की जरूरत पर बात की गई.

रांची: उद्यान निदेशालय, झारखंड सरकार के सौजन्य से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित बागवानी क्षेत्र के सतत विकास में बेहतर उद्यानिकी प्रणाली के सरकारी योजनाओं का समाकलन विषयक दो दिवसीय उद्यान प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण का समापन हुआ.
इस मौके पर मुख्य अतिथि बागवानी निदेशक, झारखंड सरकार वरुण रंजन ने कहा कि प्रदेश में बागवानी क्षेत्र में तेजी से विकास को गति देने के लिए उद्यान पदाधिकारियों को योजनाओं के लाभुकों के निरंतर संपर्क में रहने की जरूरत है. प्रदेश के कई स्थानों में छोटे स्तर पर बागवानी के विभिन्न उद्यम के क्लस्टर विकसित हो रहे हैं. उद्यमों के क्लस्टर का दायरा बढ़ाने और इसे गति देने की जरूरत होगी. उन्होंने उद्यान प्रशिक्षकों को क्षेत्र विशेष और किसानों की उद्यम जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षण का आयोजन देने पर बल दिया. उन्होंने बताया कि चालु वर्ष में हजारीबाग में सब्जी और दुमका में फूल पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने, 25 नर्सरी का सुदृढ़ीकरण, आगामी 5 वर्षों में प्रदेश के सभी 150 नर्सरी का फिर से विकास, 2 जिलों में बिरसा स्मार्ट एग्रो फर्म को विकसित करने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में एक जिला, एक उद्यान फसल और एक उत्पाद के दिशा पर कार्य किया जा रहा है. उद्यान विभाग में स्टाफ की कमी के कारण योजना के परिचालन को गति देने के लिए जल्द ही प्रखंड और जिलास्तर पर समन्यवयक रखे जाएंगे. मौके पर निदेशक ने रिसोर्स पर्सन, प्रतिभागी उद्यान पदाधिकारियों और केवीके वैज्ञानिकों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर सम्मानित किया.

डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने पशुपालन और बागवानी को किसानों की आय बढ़ाने में सबसे उपयुक्त बताते हुए कृषि क्षेत्र में दोनों उद्यम को प्राथमिकता देने की बात कही. डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ. जगरनाथ उरांव ने जिला स्तर पर केवीके वैज्ञानिकों के तकनीकी मार्गदर्शन में कार्यक्रम चलाए जाने पर जोर दिया. प्रतिभागी केवीके गढ़वा के डॉ. अशोक कुमार और जिला उद्यान पदाधिकारी, हजारीबाग रवीश चंद्र ने प्रशिक्षण के अनुभवों और ज्ञान को साझा किया.
इस मौके पर कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. एस कर्मकार ने बताया कि इस कार्यक्रम के पांच तकनीकी सत्रों में योजना, शोध, प्रसार और प्रशासी से जुड़े पचपन प्रतिभागियों ने भाग लिया और उद्यान के अभिनव तकनीकों के बारे में जाना. स्वागत उपनिदेशक उद्यान विजय कुमार, संचालन जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डी के रूसिया ने दी. मौके पर डॉ. अंगदी रब्बानी, डॉ. एम के गुप्ता, उमेश प्रसाद, डॉ. रंजय सिंह, डॉ. राकेश रंजन, डॉ. अमृत झा आदि मौजूद थे

सर्व सेवा समिति संस्था के माध्यम से खूंटी और गुमला जिले के किसानों के दल ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का भ्रमण किया. दल को विवि के प्रसार शिक्षा निदेशालय के माध्यम से तकनीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराते हुए व्यावहारिक जानकारी दी गई. भ्रमण में किसानों को फसल उत्पाद का प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन में उपयोगी उपकरण को प्रैद्योगिकी के सबंध में विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा सिन्हा ने बताया. दल को विवि के मशरूम उत्पादन इकाई में सालों भर मशरूम की खेती के बारे में बताया गया. मौके पर डॉ. स्मिता स्वेता ने किसानों को विवि के टेक्नोलॉजी पार्क में विभिन्न फसलों के तकनीकी प्रत्यक्षण की विशेषताओं से अवगत कराया. भ्रमण के उपरांत प्रसार शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसानों की तरफ से वैज्ञानिक अंतर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. जगरनाथ उरांव ने किसानों के कृषि अनुभवों को साझा किया. किसानों को कृषि उद्यम में सिंचाई साधनों का उचित उपयोग और प्रदेश के किसानों की सफलता के बारे में बताया. उपनिदेशक (संचार) डॉ. वलेरिया लकड़ा ने वाटरशेड एवं जल प्रबंधन की जानकारी दी.