रांची स्थित बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी और रांची चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग 12 और 13 दिसंबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है. जिसमें भारत के 200 से अधिक वैज्ञानिक भाग लेंगे.
रांचीः राजधानी स्थित बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी और रांची चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग (आईएसजी और पीबी) नई दिल्ली के
आईएसजी और पीबी और इंडियन सोसाइटी ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (आईएसपीजीआर) के सहयोग दो दिवसीय वर्चुअल सेमिनार आयोजित कर रहा है. 12 और 13 दिसंबर को ऑफलाइन और वर्चुअल मोड में आयोजित इस संगोष्ठी का विषय व्यापक अनुकूलन के लिए फसल प्रजनन रखा गया है.
12 दिसंबर को सेमिनार का उदघाटन सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय के आरएसी सभागार में होगा. बीएयू के कुलपति डॉ ओ एन सिंह समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. आईएसजी और पीबी, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह और देश के जाने-माने बायोटेक्नोलॉजिस्ट एवं रिटायर्ड रेक्टर, बीएचयू प्रोफेसर (डॉ) बीडी सिंह भी संगोष्ठी के उदघाटन सत्र को संबोधित करेंगे. आईएसजी और पीबी, रांची चैप्टर के सचिव डॉ जेडए हैदर ने बताया कि भारत के 200 से अधिक वैज्ञानिक, शिक्षक और शोधकर्ता इस संगोष्ठी में ऑफलाइन और वर्चुअल मोड में भाग लेंगे. वर्तमान परिदृश्य में कृषि में चुनौतियों से संबंधित मुद्दे पर ध्यान देने के लिए प्रासंगिक अनुसंधान, विकास और नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श और चर्चा कर रहे हैं. संगोष्ठी के पीजीआर प्रबंधन और पूर्व प्रजनन, फसल सुधार में नए मोर्चे, गुणवत्ता बढ़ाने के साथ जलवायु लचीला प्रजनन, फसल सुधार के लिए ओएमआईसी का आवेदन और पारंपरिक ज्ञान, प्रजनकों और किसानों के अधिकार और आईपीओ के मुद्दे प्रमुख विषयगत क्षेत्र होंगे.
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