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अवैध खनन कर नितेश शारदा ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, लीज से अतिरिक्त भूमि पर कब्जा कर खनन किया

खूंटी जिले में अवैध खनन कर नितेश शारदा ने सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. इसके तहत नितेश शारदा ने लीज से अतिरिक्त भूमि पर कब्जा कर खनन किया है.
खूंटी: अवैध खनन कर सरकार को चूना लगाने वाले क्रेशर खदानों पर जिला प्रशासन ने दूसरे दिन भी कार्रवाई की है. जिला प्रशासन की कार्रवाई से दिन भर अवैध खनन करने वाले माफियाओं में हड़कंप मचा रहा. हुटार इलाके में अवैध खनन के साथ-साथ लीज पर लिए हुए क्रेशर खदान वालों ने सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है. एसडीओ हेमंत सती के कार्रवाई के दौरान गड़बड़ियों के अलावा राजस्व घपला भी पाई गई है. हालांकि, एसडीओ जांच रिपोर्ट डीसी को देंगे उसके बाद डीसी के निर्देशानुसार अवैध खनन करने वालों और सरकार का राजस्व नहीं देंने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गुरुवार को दो क्रेशर को सील करने के बाद दोबारा उन्हीं क्रेशर खदान पर पहुंचे और खदानों की मापी ली गई. मापी के दौरन लीज से अधिक भूमि पर कब्जा पाया. इसके साथ ही नियमों के विरुद्ध कार्य करने के अलावा कई कमियां पाई गई. जिले के हुटार डुगडुगिया के समीप नितेश शारदा क्रेशर खदान पर एसडीओ हेमंत सती ने मापी के दौरान पाया कि शारदा क्रेशर खदान के लिखित दस्तावेज में अंकित भूमि से ज्यादा भूमि पर खनन का कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही लीज एग्रीमेंट दस्तावेज के मुताबिक पूरे इलाके में बाउंड्री का कार्य भी लंबित है. वहीं, खनन कार्य में कुछ इलाका जीएम लैंड का भी आता है. जीएम लैंड में शारदा क्रेशर खदान का अतिक्रमण गंभीर मसला है
एसडीओ ने पाया कि खदान परिसर में लगा स्प्रिंकल भी बंद है. इसके साथ ही लीज के मुताबिक खनन कार्य करने वाली कंपनी को सड़क निर्माण और बाउंड्री का कार्य भी लंबित है. सरकारी गाइडलाइन के नियम कानूनों के अनुबंध के तहत कोई भी कंपनी लीज की अनुमति सशर्त लेती है, लेकिन शारदा क्रेशर खदान ने लीज के कई नियमों का उल्लंघन किया है. जिला खनन पदाधिकारी शारदा खनन लीज के अनुबंध दस्तावेजों का सत्यापन करेगी. तब तक शारदा क्रेशर खदान सील बंद रहेगा. वहीं, हुटार के अन्य इलाकों में सरकारी नियमों की अनदेखी कर चलाए जा रहे खदानों को भी जिला प्रशासन ने सील किया है. एसडीओ ने बताया कि संबंधित मामले में दस्तावेजों की जांच के लिए खनन पदाधिकारी और जिले के उपायुक्त को अग्रेतर कार्रवाई के लिए आवश्यक कागजात भेजे जाएंगे. डीसी के आदेशों के बाद संबंधित खदानों पर एफआईआर कर कार्रवाई की जाएगी.