कोरोना काल के दौरान सभी उद्योग बंद था, लेकिन अनलॉक शुरू होते ही कई उद्योगों में काम शुरू हो गया है. सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी लगभग 60
अनलॉक में घूमने लगे औद्योगिक विकास के पहिए, मंदी से उबरने में लगेगा वक्त
कोरोना काल के दौरान सभी उद्योग बंद था, लेकिन अनलॉक शुरू होते ही कई उद्योगों में काम शुरू हो गया है. सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी लगभग 60
प्रतिशत उद्योग पूरी तरह खुल गए हैं, जहां काम शुरू हो गया है, लेकिन अब भी कई छोटे-बड़े उद्योग बंद हैं.
सरायकेला: खनिज संपदा से भरा झारखंड पूरे विश्व में अलग पहचान रखता है. झारखंड के सरायकेला जिले में स्थित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, एशिया महादेश के लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए विश्वविख्यात है. सरायकेला के औद्योगिक क्षेत्र से केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है. यहां लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है, लेकिन छह महीने पहले आए राष्ट्रीय आपदा कोविड-19 ने राज्य के अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले इन उद्योगों में काम के रफ्तार को रोक दिया था, लेकिन अब सुरक्षित माहौल में सुरक्षा के सभी मानकों को अपनाकर औद्योगिक कार्य शुरू हो गया है, जिससे अब धीरे-धीरे औद्योगिक विकास के पहिए भी घूमने लगे हैं 1397 उद्योगों में केवल 60 प्रतिशत उद्योग ही खुले सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में शुरुआती दौर में लगभग डेढ़ हजार से भी अधिक कल कारखाने और उद्योग संचालित होते थे, लेकिन समय के साथ इनकी संख्या भी घटती गई है. आज औद्योगिक क्षेत्र में कुल 1397 उद्योग जीवित अवस्था में है, जबकि कोरोना के संकट काल और लॉकडाउन के बाद इन उद्योगों में काम करने वाले लाखों कर्मचारी और कामगार बेरोजगार हो गए थे, लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग बंद थे, लेकिन 20 अप्रैल के बाद केंद्र और राज्य सरकार के पहल पर स्थानीय उद्योग खुलने शुरू हुए हैं और काम भी शुरू हो गया है, लेकिन उद्योगों की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. आज 1397 उद्योगों में केवल 60 प्रतिशत उद्योग ही पूरी तरह खुल पाए हैं और काम शुरू हुआ है, अभी भी उद्योग चलाने में कई अड़चनें हैं.औद्योगिक क्षेत्र पर एक नजर
कुल उद्योग- 1397बड़े दर्जे के उद्योग- लगभग – 100मध्यम दर्जे के उद्योग -लगभग – 400लघु उद्योग- लगभग 550
सूक्ष्म उद्योग- लगभग- 347
रोजगार की स्थिति कुछ इस प्रकार है: (अनुमानित आंकड़ा)
बड़े उद्योग से जुड़े लोग- 7 हजार
मध्यम उद्योग से जुड़े लोग – 15 हजार
लघु उद्योग से जुड़े लोग – 10 हजार
सूक्ष्मा उद्योग से जुड़े लोग – 30 हजार
इसके अलावा आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भी हजारों लोग जुड़े हैं, जिनमें मुख्य रुप से चार पहिया वाहन मालिक, मिनी टैक्सी मालिक, होटल ढाबा संचालक शामिल हैं. इसके अलावा वहां काम करने वाले लोग, मैकेनिकल दुकानें, मालवाहक गाड़ियां और इनसे जुड़े लोगों को भी रोजगार मिलता है.
टाटा मोटर्स पर आधारित है उद्योग
सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के तमाम उद्योग टाटा एंनसिलियरी, यानी टाटा मोटर्स पर निर्भर है. जमशेदपुर के टाटा मोटर्स प्लांट में गाड़ियां खासकर मालवाहक ट्रकों का जो निर्माण होता है, उससे संबंधित छोटे कलपुर्जे औद्योगिक क्षेत्र के छोटे-बड़े कंपनियां तैयार करती है. औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों पुरानी एक कहावत प्रचलित है कि “जब टाटा मोटर्स को छींक आती है तो आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र को बुखार लग जाता है” कहने का तात्पर्य यह है कि यदि टाटा मोटर्स में बड़े पैमाने पर मालवाहक गाड़ियों का निर्माण होता है तो औद्योगिक क्षेत्र बूम पर रहता है और टाटा मोटर्स में जब ब्लॉक क्लोजर आता है तो औद्योगिक क्षेत्र बूम पर रहता है और टाटा मोटर्स में जब ब्लॉक क्लोजर आता है तो औद्योगिक क्षेत्र के तमाम उद्योगों पर ताला लटक जाता है. स्थितियां धीरे-धीरे हो रही सामान्य कोरोना संक्रमण काल के छह महीने बीतने के बाद अब औद्योगिक क्षेत्र के कंपनियों को काम मिलना फिलहाल शुरू हो गया है. प्रोडक्शन कार्य भी अब धीरे-धीरे प्रारंभ हो चुका है और कंपनियों को ऑर्डर भी मिलने लगा है. स्थानीय उद्यमी बताते हैं कि अगले 4 से 5 महीने के बाद ही स्थिति काबू में होगी, अभी फिलहाल कम मुनाफे पर ही सही लेकिन उद्योगों में काम तो शुरु हुआ है.
सुरक्षा मानकों के बीच प्रोडक्शन जारी
अनलॉक शुरू होते ही केंद्र और राज्य सरकार के गाइडलाइंस के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में 4 महीने से लगातार कार्य जारी है. लगभग सभी उद्योग सरकार के ओर से जारी किए गए एस ओ पी का पालन कर रहे हैं और संक्रमण के खतरे कम करने को लेकर हर तरह के उपाय कर रहे हैं. उद्यमियों ने बताया कि अब कामगार और मजदूरों को सुरक्षा के सभी सामान जैसे फेस मास्क, फेस शिल्ड, गलब्स, सेनेटाइजर मशीन आदि उपलब्ध करा दिए गए हैं, जिसका उपयोग कर मजदूर और कामगार सुरक्षित वातावरण में औद्योगिक कार्य संपन्न कर रहे हैं, इसके अलावा कई कंपनियों में जहां प्रोडक्शन कार्य गति पर है, वहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई है, मजदूरों के रहने के अलावा उन्हें भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. उद्योग संचालक मानते हैं कि ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम होता है, लेकिन यह परिस्थिति सभी उद्योगों में लागू नहीं होती.
जियाडा कर रहा उद्योगों का सर्वेक्षण
कोरोना काल में झारखंड औद्योगिक विकास प्राधिकार यानी जियाडा के ओर से उद्योगों की अद्यतन स्थिति जानने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जियाडा के क्षेत्रीय उपनिदेशक प्रेम रंजन ने बताया कि सरकार और उद्योग विभाग से निर्देश मिलने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में लगातार सर्वेक्षण कार्य जारी है, इसमें इस बात का पता लगाया जा रहा है कि किन उद्योगों में कार्य सुचारू ढंग से चल रहे हैं और किन उद्योगों में कार्य बंद हैं. वहीं जिन उद्योगों में कार्य बंद हैं उनके कारणों को स्पष्ट जानने के बाद समस्याओं को दूर किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, हालांकि उद्योग विभाग का यह प्रयास बहुत अधिक सफल तो नहीं माना जा रहा, लेकिन सर्वेक्षण के साथ उद्योगों के स्थितियों पर मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
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