सरायकेला जिले में सोमवार को अच्छी फसल और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए दित्यसाही में इंद्रोत्सव का आयोजन किया गया, जहां 25 फीट ऊंची पारंपरिक इंद्र छाता गाड़ा गया. वहीं, सादगी के साथ देवराज की आराधना की गई.
सरायकेला: खरसावां के दित्यसाही में भगवान इंद्र की आराधना का पर्व इंद्रोत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया. राज पुरोहित अंबुजाख्य आचार्य ने भगवान इंद्रदेव की विधिवत पूजा-अर्चना की. इस दौरान मौके पर पहुंचे श्रद्धालु समेत स्थानीय लोग सामाजिक दूरी बनाए हुए थे. पूजा के बाद मैदान में परंपरिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करीब 25 फीट ऊंचा इंद्र छाता गाड़ा गया.
इंद्रोत्सव को देवराज इंद्र के आराधना का पर्व के तौर पर मनाया जाता है. अच्छी फसल व सुख-समृद्धि की कामना के लिए उक्त पूजा किया गया. मान्यता है कि इंद्रोत्सव के आयोजन से भगवान प्रसन्न होते हैं और अच्छी फसल होती है. क्षेत्र में खुशहाली बनी रहती है. कोविड-19 के कारण इस वर्ष यहां इंद्रोत्सव मेला का आयोजन नहीं किया गया है.
सादगी के साथ इंद्र छाता गाड़कर पूजा की गई. पूजा के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर मुख्य रूप से पुरोहित अंबुजाख्यो आचार्या, हरिश चंद्र आचार्या, जीतवाहन मंडल, सपन आचार्या, भुतांग मंडल, अनिल मंडल समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे. दित्यसाही में इंद्रोत्सव का आयोजन राजा राजवाडे के समय से होते आ रहा है.
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