जैसे-जैसे कोरोना वायरस राज्य में खतरनाक होता जा रहा है, वैसे वैसे ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग भी बढ़ती जा रही है. पिछले एक महीने में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग तीन से चार गुना तक बढ़ गई है. ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ने के कारण इसके दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई.
रांची: कोरोना की वजह से राजधानी सहित पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग काफी बढ़ गई है.क्योंकि कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रामबाण की तरह साबित होता है. कोरोना के मरीजों को अमूमन सांस लेने में परेशानी होती है. ऐसे में कोरोना से संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन मुहैया कराया जाता है. मरीज चाहे अस्पताल में हो या फिर होम आइसोलेशन में इलाज करा रहा हो, किसी भी सूरत में कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है.
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा वक्त में 50 संक्रमित मरीजों में 10 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता हो रही है. ऑक्सीजन सिलेंडर के व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि जैसे-जैसे कोरोना वायरस राज्य में खतरनाक होता जा रहा है, वैसे वैसे ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग भी बढ़ती जा रही है. पिछले एक महीने में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग तीन से चार गुना तक बढ़ गई है. ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ने के कारण इसके दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई.रांची में ऑक्सीजन सिलेंडर का व्यापार करने वाले अमर शर्मा ने बताया कि आज से डेढ़ महीने पहले तक 10 लीटर का ऑक्सीजन सिलेंडर 160 रुपए में ग्राहकों को मुहैया कराया जाता था. हालांकि वही सिलेंडर आज की तारीख में 200 से 250 रुपये तक हो गया है.
वहीं, 47 लीटर वाला ऑक्सीजन सिलेंडर 280 रुपए में ग्राहकों को मुहैया होता था. अब मांग बढ़ने के कारण बड़े सिलेंडर का दाम भी 400 से 450 रुपये तक बढ़ गया है. राज्य के चार जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर की फैक्ट्रियां स्थापित हैं. जिसमें रांची, बोकारो, रामगढ़ और जमशेदपुर शामिल है. ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करने वाले संस्थानों ने भी परिवहन शुल्क बढ़ा दिया, इसीलिए भी ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
कैसे तैयार होता है ऑक्सीजन
दरअसल, फैक्ट्री में ट्रकों से भरकर ऑक्सीजन के लिक्विड फॉर्म को लाया जाता है. उसके बाद फैक्ट्री में बने वेसल में डालकर उस लिक्विड को बूस्ट अप किया जाता है. इसके बाद वह सिलेंडर में भारा जाता है. तब जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर मरीजों को मुहैया कराया जाता है.
कैसे खरीद सकते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर
ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के लिए पहले लोगों को एक सिलेंडर खरीदना पड़ता है. उस सिलेंडर के साथ रेगुलेटर, फ्लो मीटर, मास्क और ऑक्सीजन चाबी की भी जरूरत होती है. जिसके लिए ग्राहक को करीब दस हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. अगर मरीज के पास सिलेंडर के साथ दूसरे सभी समान हैं, तो उन्हें सिर्फ ऑक्सीजन भरवाने में सिलेंडर के साइज के हिसाब से कीमत देनी होगी. राजधानी में तीन डिस्ट्रीब्यूटर राजधानी रांची की बात करें, तो यहां पर तीन ऑक्सीजन सिलेंडर के डिस्ट्रीब्यूटर हैं. जिसमें रांची मेडिकल, मां इंटरप्राइजेज और उषा सेल यह तीनों डिस्ट्रीब्यूटर राजधानी के विभिन्न अस्पतालों और मेडिकल दुकानों में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराते हैं. डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन की जरूरत
वहीं, अगर कोई निजी स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घर में रखना चाहता है तो इसके लिए उस व्यक्ति को डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन की जरूरत होगी उसके बाद ही उस व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर दी जा सकती है. ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल कैसे करना है इसकी जानकारी भी सिलेंडर लेते समय दी जाती है.
राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार जैसे रिम्स, मेडिका, पल्स सैम्फोर्ड अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया है लेकिन ऑक्सीजन के बढ़ते डिमांड को देखते हुए इन सभी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ गई है.
कोरोना मरीजों के लिए रिम्स में 38 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है, ताकि गंभीर संक्रमित मरीजों को चौबीस घंटे ऑक्सीजन मुहैया कराई जा सके.
राजधानी के गुरु नानक अस्पताल सेवा सदन आर्किड जैसे अस्पतालों के लिए डिस्ट्रीब्यूटर के पास पहले से ही आवेदन या लाइन लगाई जाती है, ताकि समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया हो सके. वहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर का व्यापार करने वाले लोगों का कहना है कि कभी-कभी डिमांड के हिसाब से सप्लाई पूरी नहीं हो पाती, जिस कारण इसकी कालाबाजारी भी शुरू होने की संभावना बनी रहती है
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