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आत्मा संस्थान, पूर्वी सिंहभूम के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से Climate Resilient and Smart Agriculture विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ

आज आत्मा संस्थान, पूर्वी सिंहभूम के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से Climate Resilient and Smart Agriculture विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ  कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ० आरती वीणा एक्का ने आत्मा के प्रसार कर्मियों को विस्तार से इस विषय पर जानकारी दी। गुगल मीट के माध्यम से सभी 11 प्रखण्ड के प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान मित्र, प्रगतिशील किसान जुड़े जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप कृषि कार्य में जो चुनौतियाँ आती है उससे किस प्रकार से किसानों को बचायेंगे उसके बारे में तकनीकी जानकारी से अवगत कराई। प्राकृतिक उथल-पुथल जैसे भुकंप, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, साइक्लोन आदि की स्थिति जलवायु परिवर्तन के कारण है जिससे आम जनमानस के साथ-साथ किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन से तापमान में हमेशा उतार-चढ़ाव दिखने को मिलता है। लेकिन तापमान की यह स्थिति कुल फसलों के लिए लाभदायक है तो कुछ फसलों को हानि करता है। जैसे मोटे अनाज के फसलों को अधिक तापमान भी सहन हो जाती है । धान फसल को वर्षा की जरूरत होती है वहीं गेहूँ फसल को ठंड के साथ कुहासा भी लाभदायक है।

इसके बाद स्मार्ट एग्रीकल्चर के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से बताई । विभिन्न आयामों जैसे वाटर स्मार्ट, वेदर स्मार्ट, न्युट्रिएंट स्मार्ट, एनर्जी स्मार्ट एवं नॉलेज स्मार्ट । हम किस तरह ये आज के तकनीकी सपन्न वक्त में कृषि को स्मार्ट तरीके से कर सकते है। बुंद-बूंद पानी से कृषि में सिंचाई कर पानी का बचत कर सकते है। तकनीक का इस्तेमाल कर घंटा पूर्व मौसम में होने वाले बदलाव की सूचना प्राप्त कर आवश्यक बचाव के उपाय लगा सकते है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का नवीनतम तकनीक से प्रयोगशाला में जाँच कर उसमें पाई जाने वाली पोषक तत्वों के बारे में जानकारी मिल जाती है जिससे कि हम फसल अनुसार न्युट्रिएंट मैनेजमेंट हेतु पोषक तत्वों का प्रयोग कर सकते है। उर्जा के विभिन्न स्रोत जैसे पंरपरागत हल – बैल, सिंचाई की पंरपरागत साधनों को छोड़कर आधुनिक कृषि यंत्र जाहे वह सिंचाई के लिए हो, जुताई के लिए हो या फिर फसल के कटाई निकाई गुढ़ाई के लिए हो । उपज से लेकर पैकेजिंग तक में आधुनिक कृषि यंत्र का उपयोग कर सकते है। आज सूचना तकनीक में इतनी क्रांति आ गई है जिससे किसानों को कृषि कार्य की आधुनिक तकनीक की जानकारी पल भर में प्राप्त हो जाती है जरूरत है किसानों को कृषि संबंधी जानकारी के लिए स्मार्ट एग्रीकल्चर या यूं कहें आधुनिक खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की जिससे हम बदलती जलवायु बदलती मौसम एवं नित नये नये बदलते कृषि तकनीक से हमेशा दक्षता हासिल करते रहें ताकि आप अपने कार्य स्थल पर किसानों को उचित सुझाव देने में सक्षम हो

बता दें कि दिनांक 22 से 28 मई 2023 तक प्रखण्ड के विभिन्न गांवों पर आत्मा के प्रसार कर्मियों के द्वारा Climate Resilient and Smart Agriculture विषय पर कृषक गोष्ठी के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।

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