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आज इन्कैब कंपनी के जमीन मामले की सुनवाई हुई

आज माननीय झारखंड उच्च न्यायालय में इन्कैब कंपनी के जमीन मामले की सुनवाई हुई। इन्कैब कंपनी के अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि इंकैब कंपनी के मजदूरों ने एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी एनसीएलटी, कोलकाता में कंपनी के दिवाला समाधान (insolvency resolution) प्रक्रिया में एक आवेदन लगाकर इंकैब कंपनी की जमीन पर कानूनी स्थिति बताने के लिए झारखंड सरकार को उस प्रक्रिया में पक्षकार बनाने की अपील की थी, लेकिन एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी एनसीएलटी, कोलकाता ने टाटा की गैरकानूनी और गैरवाजिब दलीलों के आधार पर इंकैब कंपनी की जमीन को टाटा का लीज जमीन घोषित कर दिया जो एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी एनसीएलटी, कोलकाता के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद माननीय
न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इंकैब कंपनी की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और रोहित सिंहा ने बहस किया।
आज एनसीएलएटी (एपीलेट ट्राईब्यूनल) में इंकैब के अपील की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हैरतअंगेज ढंग से एक कंपनी ट्रॉपिकल वेंचर की तरफ से एक अधिवक्ता ने हस्तक्षेप करते हुए माननीय अपीलेट ट्राईब्यूनल को बताया कि वे इस अपील की सुनवाई में पक्षकार बनना चाहते हैं क्योंकि इंकैब कंपनी पर उनका ₹227 करोड़ का बकाया है और इंकैब कंपनी की पुणे की संपत्ति उनके पास गिरवी है और उक्त संपत्ति के निलामी होने की स्थिति में वे पक्षपात के शिकार हो जायेंगे।

यह एक सनसनीखेज खुलासा था। ऐसा प्रतीत होता है कि कमला मिल्स, फस्का इनवेस्टमेंट और आर आर केबल के मालिक और इंकैब कंपनी पर अवैध कब्जादार रमेश घमंडीराम गोवानी ने इंकैब कंपनी के साथ बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है और इंकैब की पुणे स्थिति परिसंपत्तियों को गिरवी रख कर अपने व्यवसाय के लिए त्रृण लिया है। इस प्रकार ऐसा लगता है कि रमेश घमंडीराम गोवानी ने इंकैब कंपनी में लगभग ₹500 करोड़ का घोटाला किया है।

ज्ञातव्य है कि मुम्बई उच्च न्यायालय में ट्रॉपिकल वेंचर ने अपने इसी त्रृण के आधार पर एक मुकदमा दायर कर रखा है जो साल 2000 से अपूर्ण है। लिक्वीडेटर शशि अग्रवाल और रमेश घमंडीराम गोवानी जो लेनदारों की समिति में बहुमत में है, ने धोखाधड़ी कर एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी एनसीएलटी, कोलकाता से यह सब छुपाये रखा और एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी एनसीएलटी, कोलकाता से परिसमापन का आदेश पारित करवा लिया। इंकैब कंपनी के अधिवक्ताओं ने माननीय अपीलेट ट्राईब्यूनल को इससे अवगत कराया। सभी पक्षों को सुनने के बाद माननीय एनसीएलएटी ने ट्रॉपिकल वेंचर को अपना पक्ष एक एफिडेविट के माध्यम से फाइल करने को कहा और अगली तारीख 15 दिसंबर की मुकर्रर की। इंकैब के कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, संजीव कुमार महंती और चंन्द्रलेखा ने बहस में हिस्सा लिया।